Book Title: Narki Chitravali Author(s): Vimalprabhvijay Publisher: Vimalprabhvijayji View full book textPage 2
________________ DIVINE Blessings स्व. खंडोर केशवलाल लालचंदभाई अंजार, कच्छ खंडोर रतनबेन केशवलाल अंजार, कच्छ असीम उपकारी संसारी ...... पिताश्री तथा मातुश्री दी । तमाम इच्छाओं को दूर कर आत्मकल्याण मार्ग पर जानेकी अनुमति दी इन उपकारों को किस तरह भूलूं ? इतने दिव्य आशीर्वाद दीजीए की जिनशासन- कुळ और समुदाय को पुलकित कर निरतिचार संयम की आराधना करके आत्मस्वरूप को प्राप्त करूं यही अभ्यर्थना... गुरु भी वही मिलो और मात-पिता आप ही मिलो आपके असीम उपकार है मुझ पर आपने स्नेह-संस्कार-शिक्षण सब कुछ दिया है। जन्मोजनम तक चूका नहीं सकते इतने उपकार किये है। प्रव्रज्या (दीक्षा) की अनुज्ञा २५ वर्ष पूर्वे देकर आपकी सेवा के अवसर पर मुजे गुरु सेवा में जाने की 'अनुज्ञा -विमलप्रभ वि.Page Navigation
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