Book Title: Mukmati Mimansa Part 03
Author(s): Prabhakar Machve, Rammurti Tripathi
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 624
________________ 536 :: मूकमाटी-मीमांसा प्रवचन सुरभि (अजमेर में १९७४ की चातुर्मासावधि में प्रदत्त प्रवचनों का सार), संकलक-कमलकुमार जैन, अजमेर, प्रकाशक-विमलचन्द्र जैन, २५९- श्रीमन्तम्, आदर्श नगर, न्यू बैंक कॉलोनी, अजमेर रोड, ब्यावर, अजमेर, राजस्थान, प्रथम-संस्करण-१९९३, पृष्ठ-२४+३६२, मूल्य-२५ रुपए। प्रवचन पर्व (सिद्धक्षेत्र अहारजी में १९८५ में दशलक्षण पर्व पर प्रदत्त प्रवचन संकलन), प्रकाशक-श्री मुनिसंघ साहित्य प्रकाशन समिति, सन्तोषकुमार जयकुमार जैन बैटरीवाले, कटरा बाजार, सागर-४७० ००२, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति-१९९३, पृष्ठ-१३०, मूल्य-१० रुपए। ३१. प्रवचन पीयूष (फिरोजाबाद, उत्तरप्रदेश में १९७५ के प्रवास पर प्रदत्त प्रवचन संग्रह, प्रवचनामृत-दो भागों का संकलन), प्रकाशन सम्प्रेरक-आर्यिका श्री दृढ़मतीजी ससंघ, प्रकाशक-श्री दिगम्बर जैन मुनिसंघ चातुर्मास समिति, भगवान् महावीर विहार, गंजबासौदा, विदिशा, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति-१९९३, पृष्ठ-८+९२, मूल्य-१५ रुपए। ३२. कर विवेक से काम (रामटेक, महाराष्ट्र में २९-८-१९९३ को भगवान् शान्तिनाथ के महामस्तकाभिषेक के प्रसंग पर प्रदत्त एक प्रवचन), सम्पादन-मुनिश्री समतासागरजी महाराज, प्रकाशक-सी. एम. टेक्सटाइल्स, २-असेम्बली लेन, दादी सेठ अग्यारी रोड, मुम्बई-४०० ००२, महाराष्ट्र, प्रथमावृत्ति-१९९३, पृष्ठ-१६। सर्वोदय अष्टक - सर्वोदय तीर्थ अमरकण्टक, अनूपपुर, मध्यप्रदेश में प्रथम प्रवासकाल के दौरान १९९४ में 'सर्वोदय शतक' के साथ सृजित । सर्वोदय सार (सर्वोदय तीर्थ, अमरकण्टक में १९९४ में प्रदत्त २४ प्रवचनों का सार-संक्षेप), संकलकवेदचन्द्र जैन, पत्रकार, पेण्ड्रारोड, छत्तीसगढ़, प्रकाशक-श्री दिगम्बर जैन सर्वोदय तीर्थ अमरकण्टक कमेटी, अमरकण्टक, अनूपपुर, मध्यप्रदेश, प.थमावृत्ति-१९९४, पृष्ठ-७+५७ । स्तुति सौरभ, (आचार्य विद्यासागरजी द्वारा रचित पाँच शतक आदि अनेक रचनाओं का संकलन), प्रकाशन प्रेरक-आर्यिका श्री दृढ़मतीजी ससंघ, प्रकाशक एवं प्राप्तिस्थान-दिगम्बर जैन समाज रेवाड़ी, श्री दिगम्बर जैन मन्दिर कुआँवाला, जैनपुरी, रेवाड़ी- १२३ ४०१, हरियाणा, प्रथम संस्करण-१९९४, पृष्ठ-२२ +३४४, मूल्य-३५ रुपए। सागर बूंद समाय (आचार्य श्री विद्यासागरजी के १२४५ विचार सूत्रों एवं १५६ दोहों का संग्रह), संकलनसंयोजन-मुनि श्री समतासागरजी महाराज, प्राप्तिस्थल-सिंघई महेशकुमार अजितकुमार जैन, सिंघई ब्रदर्स, रघुनाथ गंज, कटनी-४८३ ००१, मध्यप्रदेश, द्वितीय आवृत्ति-१९९५, पृष्ठ-१४+१६८ । एक परिचय : मौन साधक का (आचार्य विद्यासागरजी का परिचय एवं उनकी कुछ रचनाओं का संकलन) संकलन-मुनि श्री सुखसागरजी महाराज, सम्पादक-मनीष जैन मोदी, प्रकाशक-हिन्द युवा मंच, ९२७गंजीपुरा चौक, जबलपुर-४८२ ००२, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति-१९९५, पृष्ठ-५+४७। । सागर मन्यन (आचार्य विद्यासागरजी के ६६ प्रवचन एवं ८७ दोहों का संकलन), प्रकाशन-सम्प्रेरक- आर्यिका श्री दृढ़मतीजी ससंघ, प्रकाशक-श्रीमती पुष्पादेवी सुभाषचन्द्र सर्राफ, जैन गली, हिसार, हरियाणा, प्रथमावृत्ति-१९९५, पृष्ठ-२०+३६० । ३९. समग्र : आचार्य विद्यासागर (चार खण्ड) - [आचार्य श्री विद्यासागरजी के वाङ्मय का संग्रह) - प्रथम खण्ड : [मौलिक संस्कृत रचनाएँ, अन्वय, उन्हीं ग्रन्थों के पद्यानुवाद एवं डॉ. पन्नालाल साहित्याचार्य कृत हिन्दी अर्थ] १. श्रमणशतकम् (संस्कृत), २. श्रमणशतक (हिन्दी), ३. भावनाशतकम् (संस्कृत), ४. भावनाशतक (हिन्दी), ५. निरञ्जन-शतकम् (संस्कृत), ६. निरंजनशतक (हिन्दी), ७. परीषहजयशतकम्

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