Book Title: Mudra Prayog Ek Anusandhan Sanskriti Ke Aalok Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 154
________________ 88...मुद्रा योग एक अनुसंधान संस्कृति के आलोक में मुखमंडल और हृदय के आस-पास अंगुलियों के द्वारा एक विशेष प्रकार से हवा में cross बनाते हैं। रोम में ईसा की कुछ मूर्तियाँ ज्ञान मुद्रा में उपलब्ध है। पारसी आदि कई धर्मों के अनुयायी साधारण रूप से प्रार्थना के समय दोनों हाथों का विशेष प्रयोग करते हैं। वहाँ पूजा के दौरान हाथ की अंगुलियों द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों का विशेष रूप से स्पर्शन, दर्शन और मुखमार्जन भी किया जाता है। ___ यदि मुद्रा योग की मूल्यवत्ता के सम्बन्ध में कुछ कहा जाए तो यह है कि इस योग के द्वारा मानव शरीर में स्थूल और सूक्ष्म सम्पूर्ण स्नायु मण्डल को शान्त किया जा सकता है तथा मन की शान्त स्थिति द्वारा अनन्त शक्तियाँ प्राप्त की जा सकती है। यदि मन शान्त न हो तो योग और अध्यात्म की साधना में प्रवेश भी नहीं हो सकता। ___अल्प रुचि रखने वालों को कदाच यह भ्रम हो सकता है कि योग चिकित्सा तरन्त असरकारक नहीं होती अथवा योग साधना में शीघ्र प्रभाव दिखाने वाली क्रियाओं का अभाव है परन्तु ऐसा नहीं है। क्योंकि इंजेक्शन से भी शीघ्र अपना प्रभाव दर्शाने वाली कई महत्त्वपूर्ण क्रियाएँ मुद्रा योग में मौजूद हैं, किन्तु आधुनिक युग में हमारे भारतीय तत्त्ववेत्ताओं एवं वैज्ञानिकों ने इस सम्बन्ध में शोध कार्य करना न्यून कर दिया है। यदि ध्यान दें तो बहत सी.योग मुद्राएँ कुछ रोगों पर इंजेक्शन की भाँति ही कार्य करती हैं। उदाहरण के तौर पर शून्य मुद्रा के द्वारा कान के दर्द को कुछ ही मिनट में दूर किया जा सकता है। अपान मुद्रा से मूत्र सम्बन्धी रोगों को, वायु मुद्रा और अपान मुद्रा का युगपद् प्रयोग कर हृदय रोग को सौरबीटेट टेबलेट की भाँति तुरन्त ठीक कर सकते हैं। जबड़ा फस जाए तो अंगूठा और मध्यमा अंगुली से चुटकी बजाने पर फसा जबड़ा तत्काल खुल जाता है। इसी तरह प्राण मुद्रा द्वारा चक्षु रोगों से तुरन्त राहत पा सकते हैं। साधना की दृष्टि से मुद्राओं के द्वारा बौद्धिक और मानसिक शक्तियाँ उपलब्ध होती है। मुद्राओं के निरन्तर अभ्यास द्वारा समाज, देश और विश्व में चिर शान्ति की स्थापना की जा सकती है, लोगों की विकृत चेष्टाओं को बदला जा सकता है, विचार और कर्म में भी परिवर्तन हो सकता है। वस्तुत: मुद्राएँ मानव शरीर की कुंजी है।

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