Book Title: More Documents of Jaina and Gujarati Paintings
Author(s): Umakant P Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

Previous | Next

Page 44
________________ दवितालाययमाघ वर्गतिलायमिशित सावहमाणक्षिण विसदश्वदयाश्या लिमक्षामदावह लापावलागारमा इदाझ्यावरिया सरिसजणस्मान माणकिणवादाउवा Fig. 15. Loose mutilated folio lying in the Kalpa-Sūtra ms. noted in figs. 12-14. लपोलता यान नदिमान सहा परम राषषसहसाणाजाज्ञानातवानास्पानामाSUMAMMISPHENNAINANIYA सवाण्या निदानोनित प्रवास कसम त यतादाद वह क्षमटान हमाल विदीना निव मालदेसकरानिभाया । पाक किन्यवानिप्रतिमानिनानिविाना मसाब नगददी नसतानतोनादिनः पाटि दाहायात टोयी वानरामसइलाम नपातम्सतर्नुपाणी कालका हो तिवसको वा पापोनिकेतनना सावितातित पानिपलटौतमम चम महें.तुतिषीपादारविदा।। गल सनसोनवाभिमपाए यत ते न के मनवमा कमलदलामविदला। लाजधमरितामनुपडीवित तारा किनमिदमदाहतानाएर पर पिरका जायावात्ययाऽनिसहान मह मानाउदलवमावस्था दामटली का राउमा Fig. 16. Bhopal plates of Mabākumāra Udayavarmmadeva, d. V. S. 1256 (=1200 A. D.) (Reproduced from Indian Antiquary, Vol. XVI) माहिना राणा नागा मादाग मिस्फससाक्षादिलिपक्ष शााखवधाकायतन दसगिविद्या धकाधा। झाताविवाहबाजारी मोनादवादिगानास दायितीचपOHI पापम क्वाला ਵ੩॥ पावास HaFMति सम्हाझिा Es. 17 and 17 A. From Palm-leaf Ms. of Uttarādhyayana Vrtti, Cambay. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76