Book Title: Mithila aur Jain Mat
Author(s): Upendra Thakur
Publisher: Z_Jaganmohanlal_Pandit_Sadhuwad_Granth_012026.pdf

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Page 7
________________ मिथिला और जैनमत 323 सन्दर्भ 1. बि० ए० स्मिथ, 'इनसाइक्लोपेडिया ऑफ रिलिजन एंड एथिक्स, भाग-१२, पृ० 568-68, न्यूयार्क, 1921 / 2. आचारांग सूत्र, 389 / 3. जैकोबी, 'जैन-सूत्र', भाग-२; सी० जे० शाह, 'जैनिज्म' इन नार्थ इंडिया, पृ० 23-24 / 4. 'कल्पसूत्र' (बी० सी० लॉ० सम्पादित) पृ० 32 / 5. बी० सी० लां, ‘महावीर', पृ०७। 6. 'विनयपिटक', ('सैकेड बुक्स आफ दि ईस्ट', भाग-१७) पृ० 108 / 7. 'मज्झिमनिकाय', 1, 227-37 / 8. 'अगुत्तरनिकाय', 2, पृ० 190-94 तथा पृ. 200-2; 'संयुत', 5, पृ० 389-10; 'अंगुत्तर', 3, पृ० 167 / 9. महापरिनिव्वाण सुत्तन्त, 4 / 35 / 10. आर० के० मुकजी, उपरिवत्, पृ. 5 / 11. एस० एन० दासगुप्ता, ए हिस्ट्री ऑफ इण्डियन फिलासफी, भाग-१, पृ० 20; मुनि रलप्रभा,विजय, 'श्रमण भगवान् महावीर', भाग-१, खण्ड-१, पृ० 5 / 12. 'कल्पसूत्र (सुखबोधिका टोका), पृ० 112, 18 / 13. 'सेक्रेड बुक्स ऑफ दि ईस्ट, भाग-२२, पृ० 213 / 14. सी० जे० शाह, 'जैनिज्म इन नाथं इण्डिया', पृ० 20 / 15. बी० सी० लॉ, 'महावीर', पृ० 44 / 16. 'मज्झिमनिकाय', 11227, 374-75 / 17. एस० सी० विद्याभूषण, 'इण्डियन लाजिक : मेडिवल स्कूल', प्रस्तावना, पृ० 18 / 18. एस० सी० विद्याभूषण, 'इण्डियन लाजिक : मेडिवल स्कूल', प्रस्तावना, पृ० 19 / 19. उपेन्द्र ठाकुर, 'जैनिज्म एण्ड बुद्धिज्म इन मिथिला; अध्याय 3 / 20. अष्टसहस्री, अध्याय-१ / 21. एच० एल० जैन, उपरिवत्, पृ० 21 22. उपरिवत्, पृ० 2 / 23. सी० जे० शाह, उपरिवत्, पृ० 82-83 / 24. उपरिवत्, पृ० 83-84 / 25. 'उत्तराध्ययन सूत्र, 9; 61 / 26. 'उवासगदसाओ', (होएनले सम्पादित), 2, पृ० 2 / 27. सी० जे० शाह, 'उपरिवत्, पृ० 94-95, 322, 11-100, 108-111, 204-16 / 28. एल० डी० बार्नेट, 'दि अंतगड-दसाओ' तथा 'अणुत्तरोववाइय-दसाओ', पृ० 36 / 29. 'वायोग्राफी आफ धर्मस्वामिन्', (जी० शेरिक सम्पादित), पृ० 60 / 30, जर्नल आफ दि रोयल एशियाटिक सोसोइटो, 1902, पृ० 282 / 31 आकिओलोजिकल सर्वे आफ इण्डिया, रिपोर्ट, 1403-04, 1087 / 32. आर्किओलोजिकल सर्वे रिपोर्ट, भाग 16, पृ० 91 / 33. हारनैले, उपरिवत्, भाग-१, पृ० 2, भाग 2, पृ० 2 / 34. यू० पी० शाह, 'स्टडीज इन जैन आर्ट, पृ० 43-45, 71,55 / 35. यू० पी० शाह, उपरिवत्, पृ० 9 / 36. उपेन्द्र ठाकुर, स्टडीज इन जैनिज्म एण्ड बुद्धिज्म इन मिथिला, अध्याय 3 / 37. वृहत् कल्प-भाष्य, भाग 3, गाथा 3285-89, पृ० 717-21 / 38. बेगलर, आकियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, भाग-३; कुरेशी, एसियेंट मोन्युमेंट्स ऑफ बिहार एण्ड उढ़ीसा, (भागलपुर खण्ड)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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