Book Title: Manjil ke padav Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 8
________________ छह जिन लोगों ने प्रवचन सुने हैं और जिन्होंने नहीं सुने हैं, उन सबको योगक्षेम यात्रा का यह पाथेय मंजिल की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा और उनकी चेतना के बन्द द्वारों को खोलकर प्रकाश से भर देगा, ऐसा विश्वास है। आचार्य तुलसी २५ अक्टूबर १९९२ प्रज्ञालोक जैन विश्व भारती लाडनूं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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