Book Title: Manidharidada Jinchandrasuri
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Z_Manidhari_Jinchandrasuri_Ashtam_Shatabdi_Smruti_Granth_012019.pdf

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Page 2
________________ मणिधारी श्री जिनचन्द्रजमूरि ॐ &0000004935 ॐ88888888883363 880038 wwws888888888888 काही मनही लियाहीप जन्सीले काम औ असलर कशा रासलीममधिल्याची दरसे जन्म हो 300000000000000 8888888888 888888888 । Thummam अ.कीसिनवारी महापाबळ पूछ र किरकाप घर कोन जागा यमराज का बार सुनकर गवई कर मस्ट रवना चाहता भावी पट्टधर सम्बन्धी श्री जिनदत्तसूरिजी से पृच्छा 8800900500058888888888 8888888888888888888888 श्री जिन दल की महाराज ने फासा कि मेरा मधर शिलकी मायदेमा देवी के उदर से उत्पन्न होगा अतः हम लोग मातु सौ के वही पुण्याजली अर्पित करने आये है॥ । 2008 50-800 বাকারা লা নিন্য মান নিলুত MANTRA माता देल्हणदेवो और गर्भस्थ मणिधारीजो को वंदनार्थ रामदेव का _For Proविक्रमपुर आगमन (सं० ११६७) Jain Education International www.jainelibrary.org

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