Book Title: Manav Bhojya Mimansa
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: Kalyanvijay Shastra Sangraha Samiti

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Page 17
________________ औधिक औपग्रहिक उपधि का लक्षण दशविध श्रमण धर्म सत्ताईस श्रमण गुण जैन श्रमणों की भिक्षाचर्या पिण्डेषणा २५१ २५१ २५२ २५४ भिक्षाकुल २५५. २५५ २५७ २६२ २६४ २७१ २७३ २७४ भिक्षा में अग्राह्य पदार्थ भिक्षा में ग्राह्य द्रव्य श्रमणों के लिए विकृति ग्रहण के विषय में व्यवस्था जैन श्रमणों का भोजन प्रकार पानैषणा पानी पीने सम्बन्धी नियम श्रमणों के गण कुल गण प्राचार्य उपाध्याय प्रवर्ती अथवा प्रवर्तक स्थविर गणी गणधर गणावच्छेदक २७४ २७५ २७५ २७५ २७६ २७६

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