Book Title: Man-Shakti Swaroop aur Sadhna Ek Vishleshan
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Z_Pushkarmuni_Abhinandan_Granth_012012.pdf
View full book text ________________ 452 श्री पुष्करमुनि अभिनन्दन ग्रन्थ : पंचम खण्ड rrrrrrrrrrrrrrrrrr r rrrrrrrrrr-+++ ++++++++++++++annrn++++++ 31 व्या 42 ध्यायतो विषयान्पुसः संगस्तेषपजायते / संगात्संजायते कामः कामाक्रोधोऽभिजायते // क्रोधाद् भवति संमोहः संमोहात्स्मृतिविभ्रमः / स्मृतिभ्रशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति / / -गीता 2162-63 रागो या दोसो वि य कम्मबीयं कम्मं च मोहप्पभवं वयंति / कम्मं च जाइमरणस्स मूलं दुक्खं च जाई मरणं वयंति // उत्तराध्ययन 326 33 इच्छा-द्वेष-समुत्थेन द्वन्दमोहेन भारत ! सर्वभूतानि सम्मोहं सर्गे यान्ति परन्तप / // गीता 7 / 27 34 संयुत्तनिकाय, नन्दन वर्ग, पृ० 12 35 विनेन्द्रियजयं नैव कषायान् जेतुमीश्वरः।-योगशास्त्र 4 / 24 36 उत्तराध्ययन सूत्र 32 / 23 37 उत्तराध्ययन सूत्र 3024 38 उत्तराध्ययन सूत्र 32127 उत्तराध्ययन सूत्र 32028 उत्तराध्ययन सूत्र 32132 उत्तराध्ययन सूत्र 32036 उत्तराध्ययन सूत्र 32037 43 उत्तराध्ययन सूत्र 32140 44 वही, 32141 45 वही, 32143 46 वही, 32146 47 वही, 32150 48 वही, 32053 46 वही, 32254 50 वही, 32062 51 वही, 32163 52 वही, 32171 53 वही, 3272 54 वही, 32 / 75 55 वही, 32176 56 वही, 32176 57 वही, 32280 58 वही, 32184 56 योगशास्त्र (हेमचन्द्र) प्रकाश 4 60 गीता 2260-67, 3 / 41 . 61 धम्मपद 117-8 62 उत्तराध्ययन सूत्र 32100 63 उत्तराध्ययन सूत्र 32 / 101 64 गीता 3134 65 गीता 316 66 गीता 2056 67 उत्तराध्ययन सूत्र 32 / 106 68 गीता 2064 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 15 16 17