Book Title: Main Swayam Bhagawan Hu
Author(s): Hukamchand Bharilla, Yashpal Jain
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 64
________________ जब वह माँ की ओर दौड़ा तो पुलिसवाला भी घबड़ाया और उसके पीछे वह भी दौड़ा। पुलिसवाले की घबराहट का कारण यह था कि यदि बच्चा भी भीड़ में गायब हो गया तो मुश्किल हो जायेगी; क्योंकि उसकी तो रिपोर्ट लिखी हुई है । पुलिस की कस्टडी से बालक का गायब हो जाना, उसकी नौकरी जाने का कारण भी बन सकता है । जब पुलिसवाला वहाँ पहुँचा तो क्या देखता है कि वह बालक किसी अधेड़ महिला से एकमेक हो रहा है, दोनों एक-दूसरे से तन्मय हो रहे हैं । उन्हें एकाकार देखकर भी अपनी आदत के अनुसार पुलिसवाला घुड़ककर पूछता है - " क्या यही है तेरी माँ ?" क्या अब भी यह पूछने की आवश्यकता थी? उनके इस भावुक सम्मिलन से क्या यह सहज ही स्पष्ट नहीं हो गया था कि ये ही वे बिछुड़े हुए माँ-बेटे हैं, जिनकी एक-दूसरे को तलाश थी। जो इस सम्मिलन के अद्भुत दृश्य को देखकर भी न समझ पाये, उससे कुछ कहने से भी क्या होगा? उसीप्रकार आत्मानुभवी पुरुष की दशा देखकर भी जो यह न समझ पाये कि यह आत्मानुभवी है, उसे बताने से भी क्या होनेवाला है? पुलिसवालों की वृत्ति और प्रवृत्ति से तो आप परिचित मैं स्वयं भगवान हूँ ५८

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