Book Title: Mahavir ki Nirvan Tithi per Punarvichar
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Z_Sagar_Jain_Vidya_Bharti_Part_1_001684.pdf

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Page 10
________________ 263 भगवान महावीर की निर्वाण तिथि पर पुनर्विचार इस प्रकार इन पाँच अभिलेखीय साक्ष्यों में तीन तो ऐसे अवश्य हैं, जिनसे महावीर का निर्वाण ई.पू. 467 सिद्ध होता है। जबकि दो ऐसे हैं जिनसे वीरनिर्वाण ई. पू. 527 भी सिद्ध हो सकता है। एक अभिलेख का इनसे कोई संगति नहीं है। वे असंगतियाँ इसलिये भी है कि पट्टावलियों में आचार्यों का जो काल दिया गया है उसकी प्रामाणिकता सन्दिग्ध है और आज हमारे पास ऐसा कोई आधार नहीं है जिसके आधार पर इस असंगति को समाप्त किया जा सके। फिर भी इस विवेचना में हम यह पाते हैं कि अधिकांश साहित्यिक एवं अभिलेखीय साक्ष्य महावीर के निर्वाण काल को ई. पू. 467 मानने की ही पुष्टि करते हैं। ऐसी स्थिति में बुद्ध निर्वाण ई. पू. 482, जिसे अधिकांश पाश्चात्य विद्वानों ने मान्य किया है, मानना होगा और तभी यह सिद्ध होगा कि बुद्ध के निर्वाण के लगभग 15 वर्ष पश्चात् महावीर का निर्वाण हुआ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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