Book Title: Mahavir ke Samsamayik Mahapurush Author(s): Sohanraj Kothari Publisher: Z_Mohanlal_Banthiya_Smruti_Granth_012059.pdf View full book textPage 1
________________ [ स्व: मोहनलाल बोठिया स्मृति ग्रन्थ भगवान महावीर के समसामयिक महापुरुष ___ - सोहनराज कोठारी विश्व-इतिहास में ईसा से पांच या छः शताब्दी पूर्व का समय अत्यधिक महत्व रखता है। उस समय रहस्यमयी शक्तिओं एवं प्रकृति की विचित्रताओं से विस्मित मनुष्य के चिंत्तन में एक नया परिष्कार एवं प्रौढ़ता आ रही थी और क्रियाकाण्डो व उनसे जनजीवन को नियंत्रित करने वाले विभिन्न समुदाय के प्रति विश्व में सभी ओर से विद्रोह प्रकट हो रहा था। उस काल में भारत, चीन व युनान आदि उन्नत राष्टो में कई महापुरुषों का अवतरण हुआ जिन्होने व्यक्ति की गरिमा को स्वतंत्र रूप से स्थापित कर नवीन दर्शनो व मानदंडों की स्थापना की। व्यक्ति के विचार व आचरण से सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने के नवीनतम संदेश ने न केवल तात्कालिक चिन्तन को ही मोड़ दिया अपितु वह आने वाले युगो-युगो तक प्रेरणात्मक बना जिसका सहज परिणाम यह हुआ कि वे महापुरुष आज कई शताब्दियों के पश्चात भी जन-मानस की अथाह आस्था व श्रद्धा के स्त्रोत वनकर उसे आलोकित कर रहे भारत में भगवान महावीर के समसामयिक महापुरुष भगवान बुद्ध हुए, चीन में लाओत्से व कांगपचत्सी हुए, यूनान में पाइथेगोरस, अफलातुन व सुकरात हुए व ईरान में जरयुस्थ का जन्म हुआ। इन सभी महापुरुषो की विचारधाराएं सम्पुर्णतः बिल्कुल समान न भी रही हों किन्तु उनके विचारों का स्थायित्व व प्रभाव आज भी विश्व में लगभग समान रूप से है। इस लेख में इन सभी महापुरूषो के विचारों एवं गतिविधियों का पूरा विवरण देना तो संभव नहीं होगा, परन्तु संक्षिप्त दिग्दर्शन पाठकों के लिए विस्तृत तुलनात्मक अध्ययन व समीक्षा का आधार बन सके इस लिए उनके जीवन के आदर्शों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है। 8 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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