Book Title: Mahavir Jain Vidyalay Dellhli Ke Hastlikhit Grantho Ka Suchipatra Author(s): Mahavir Jain Pustakalay Publisher: Mahavir Jain Pustakalay View full book textPage 8
________________ नाम पुस्तक मूलया भाषा निर्माण कर्ता | विषय व्याख्या १२४ १७२८ ले० जगदेव XXX ॐ | ले० पं० जीतमल ले० देवोशंकर ले० ऋभिगोपाल xxx १२३ गौतम कुलक संस्कृतटीका कर्मचन्द्र भाषा टीकाx बावनचाल रूप दीप पिंगल भाषा श्री भगवाना पिंगल १२६ | विदग्ध मुख मंडनस्य सूत्र संस्कृतटीका धर्मदास कवि जैन धर्म __चतुर्थ परिच्छेद समयसार नाटक सिद्धान्त भाषा | बनारसीदास नाटक समयसार नाटक भाषा १२९ चतुर्मासिक त्रय व्याख्यान सं. मूलपाठ x जैन धर्म १३० परिभाषा शब्देन्दु शेखर संस्कृत व्याकरण १३१ परिभाषेन्द्र शेखर संस्कृत १३२ आदिनाथ जी का स्तवन भाषा विजयतिलकोपा० जैन धर्म १३३ अषादभूत स्तवन भाषा १३४ | थलिभद्र चौपाई भाषा १३५ अढ़ीद्वीप का नकशा नकशा आत्रेयसार संग्रह भाषा टीका आत्रेय वैद्य वैद्यक १३० माधव निदान भाषा टीका माधवार्य वैद्य १३८ निघन्ट नाम माला रस भाषा टीका श्री धन्वन्तरि वीर्य सहितस समावर्ग १३९ वैद्य संजीवन नाम पंचमो विलास | मूलपाठ सोनुलो महाराज १४० वैद्य संजीवन नाम पंचमो विलास भाषा टीका " | योग शतक | मूलपाठ | धन्वन्तरि जी १४२ पथापध्यविचार मूलपाठ १४३ शेवयोगनिरुपण अमोध्याय | सटीक व इस्तिवधन्न वैद्य भाषा टोका १४४ नाड़ी परीक्षा भाषा टोका १४५ अमर कोष संस्कृत मूल अमरसिंह जी कोष १४६ सिद्धान्त चन्द्रिका व्याख्या | सटीक सदानन्द व्याकरण १४७ १४८ शीघ्र बोष भाषा टीका | ज्योतिष १४९ | वन्दार प्रिय श्रावकाराधन मूल पाठ जैनधर्म १८२८ वारावल्लभ गणि ले० उदयचन्द्र | ले. पं० रायजी | ले० पं० अमरचन्द ले. नन्दराम भवान XX | १०९ ले. रामलाल ले० जीतमलPage Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14