Book Title: Mahavir Jain Vidyalay Dellhli Ke Hastlikhit Grantho Ka Suchipatra
Author(s): Mahavir Jain Pustakalay
Publisher: Mahavir Jain Pustakalay
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ * अहिंसा परमोधर्मः * श्री महावीर जैन पुस्तकालय देहली हस्त लिखित ग्रन्थों सूचीपत्र स्थापित १६२५ ई० तदनुसार सम्बत् १९८२ वि० प्रकाशक मंत्री श्री महावीर जैन पुस्तकालय देहली प्रथमवार २५० सम्वत १९८८ सन् १९३२ वीर सम्वत् २४५८ गयादत्त प्रेस, क्लौथ मारकेट देहली में छपा । Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दो शब्द गुजरात विद्यापीठ के आचार्य श्री दत्रात्रेय बालकृष्ण का कालेलकर के आदेशानुसार इस पुस्तकालय के हस्त लिखित ग्रन्थों का सूचीपत्र प्रकाशित किया जाता है । इस सूचीपत्र के प्रकाशन का उद्देश्य यह भी है कि जो सज्जन तथा संस्थायें इस संग्रह से अनभिज्ञ हैं वह इस से लाभ उठावें और साथ ही उनसे यह भी निवेदन है कि जह इस प्रकार का संग्रह हो वह हमें सूचित करने की कृपा करें । इसके अतिरिक्त इस पुस्तकालय में हिन्दी, उर्दू अंग्रेजी तथा अन्य भाषाओं के साहित्य का भी अच्छा संग्रह है और पुस्तकालय के साथ २ वाचनालय भी है जिसमें दैनिक, साप्ताहिक तथा मासिक पत्र पत्रिकायें ती हैं। इस पुस्तकालय से प्रत्येक स्त्री व पुरुष किसी भी जाति व धर्म का हो लाभ उठा सकता है । ला० गोकलचन्दजी जौहरी सभापति भवदीय हुकमचन्द्र बी० ए० मंत्री १ दिसम्बर ३१ Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कार्यकारिणी सभा के सदस्य और कर्मचारीवर्ग प्रधान-ला० गोकलचन्दजी जौहरी उपप्रधान-ला० केशरीचंदजी जौहरी मन्त्री-ला हुकमचन्द जी बी० ए० कोषाध्यक्ष-ला० छोटेलालजी जौहरी सदस्य-ला० फूलचन्दजी जौहरी ला० छुट्टनलाल जी बी० ए० एल० एल० बी० वकील ला० गुलाबचन्दजी जौहरी ला० ज्ञानचन्दजी जौहरी ला० निहालचन्दजी जौहरी पुस्तकाध्यक्ष-श्री० कर्मसिंहजी .. स. -श्रीराम जी चपरासी-नानकचंद Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३ ) हस्तलिखित ग्रंथों का सूचीपत्र नाम पुस्तक मूलयाटीका निर्माणकर्ता विषय सम्वत् व्याख्या x जैनधर्म आचारागसत्रप्रथम श्रुतस्कंध अंग१ भाषाटीका , द्वि तीय , प्रथम १८४५ ले० केवलराम १८८६ , दयाचम्द १७५२ , ऋषराम x x x , द्वितीय , x १६७८ x x x १७८० १६४५ ले० ऋषिबला १६२४ , ऋराय कुंवर x सयगड़ाङ्गसत्र प्रथम , द्वितीय , प्रथम १० ठाणंग सत्र अंग ३ x , x + x जैन धर्म ,महिमासुखपति ले. कृष्णदास "तगुलालचन्द x X मूलपाठ भाषाटीका मूलपाठ भाषाटीका । संस्कृत भाषाटीका भाषा जिननंदीसरि विजय भाषाटीका 'मूलपाठ भाषाटीका मूलमाठ भाषाटीका १२ समवायंग सूत्र अंग ४ १३ समवायाङ्गबत्ति का अंग ४ १४ भगवती सूत्र ( विवाह प्रज्ञप्ति ) , की टीप अंग ५ , अंग ५ ज्ञाता धर्मकथाङ्ग सत्र अंग ६ यहबहुत फटगया है x xxx xxx xxx xxx x उपासक दशांग सत्र अंग ७ १७८७ ले० हरिदुर्ग | उपासक दशांग सुत्र अङ्ग ७ मूलपाठ भाषाटीका १७०९ ले० सर्वसुख मूलपाठ Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४) मूलयोटीका निर्माण कर्ता विषय नाम पुस्तक व्याख्या सम्बत अंतगढ़ दशांग सूत्र अंग ८ भाषाटीका मूलपाठ । भाषाटीका मूलपाठ १८०८ ले० आर्जा खुशालाजी १९०७ ,, पं० मोतीचन्द्र प्रश्न व्याकरण सूत्र अंग १० विपाक सत्र अंग ११ . विपाक वृत्ति उववाई सूत्र उपांग १ ३६ भाषाटीका १९५१ , लाभुराम १०२ ११९ रायप्रश्नीय उपांग२ , द्वितीय श्रुतस्कन्ध उपांग २ , उपांग २ १८१४ ले० कल्याणकीर्ति १९३३ , जयदेवी आर्जाज १६९८ टी० मेघराज १६६० ले०पंजीतमल जीवाभिगम उपांग ३ | पन्नवणा सूत्र उपांग ४ भाषाटीका मूलपाठ xxxxxx xxxxxxxxxxxxxxxxxxx xxxxxx १५६ २४३ | जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सत्र उपांग ५ | निरयावलिका सत्र उपांग १२ तक भाषाटीका मूलपाठ भाषाटीका मूलपाठ भाषाटीका श्री जेवराजजीम० | व्यवहार सत्र छेद १ बृहद कल्पसूत्र छेद २ | दशाश्रुत स्कन्ध सूत्र छेद ४ दशवैकालिक सूत्र मूल १ १७१९ ऋषि कमसिंहजी मूलपाठ भाषाटीका मूल पाठ भाषाटीका लेदानीरामजी , जिनदास साधू १७८६, भोजराज Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नाम पस्तक पन्न विषय मूल याटीका निर्माणकर्ता | सम्वत् व्याख्या x ६१ दशवैकालिक सूत्र मूल १ भाषाटीका जैनधर्म x x x उत्तराभ्ययन सूत्र मूल २ मूलपाठ x x १९३७ लेखक धन्नीऋषि | " जैदेवीजी आजी १९३७ " धन्नी ऋषि ६९ नन्दी सूत्र मूल ३ १९१९ लेखिकामंगलाजीमार्जा संस्कृतटीका भाषाटीका मूल पाठ भाषा टीका संस्कृतटीका मूल पाठ १८५९ ७२ अनुयोग द्वार सत्र मूल ४ १६७९ लेखक हेमचन्द कृत x x x x x x xx x x x x १७०४ | आवश्यक सूत्र १९१३ भाषा टीका लेखक पं०मलयहंसमुनि याक्षिक आवश्यक सत्र कल्प सूत्र मूल पाठ भाषाटीका x लेखिका मंगलाजीबाजी x x x मूल पाठ भाषाटीका x , १७९३ लेखक धीरसागर ११५ १८७५ " मोहनलाल २१० १६३५ १६३ १८०४ १०९ x x x महावीर स्वामी का चरित्र संग्रहणी सूत्र जीवन जैनधर्म x x x संस्कृतटीका मूल पाठ ८ १६०४ लेखक विद्यानन्द ११ १७३९। x x Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ I m 30 3 u 3 ९२ ९३ ९४ ९५ ९६ जम्बद्वीप संग्रहणी सूत्र तत्व प्रकरण |नव नव तत्व " ९७ जम्बूजी का चारित्र रास १८ सुन्दर ज्ञान गोठजी का चरित्र ९९ पार्श्वनाथजी का स्तोत्र १०० स्तवन १०१ की परचरती १०२ नाकोड़ा पार्श्वनाथजी का स्तवन १०३जी का चरित्र 39 " 39 नाम पुस्तक १०४ आलोयणा बत्तीसी १०५ आलोचना १०६ | द्रौपदीजी की चौपाई २०७ कथा कोष ૦૮ कथा कोष ०९ | विचार छत्तीसी ० संस्कृत मंजरी १९ 93 माघ काव्य १२ | काव्य प्रकाश २२३ | भैरव पद्मावती कल्प १९४ रोहण मुनी चौपाई ११५ शालिभद्रजी की ११६ सुर सुन्दरी की 99 ११७ चन्द्रलेहा की चौपाई ११८ " ," ११९ आराधना सार १२० गौतम पुच्छा १२१ १२२ " 99 99 94 सूत्र ( ६ ) मूत्रपाटीका निर्माण कर्ता भाषाटीका 99 संस्कृतटीका मूल पाठ भाषाटीका ऋषि क भाषा 99 भाषा टीका रामचन्द्र भाषा X ११ भापाटीका "" संस्कृत 99 99 "" भाषा मूल पाठ मेरुनन्दन महो० भाषा तिलकसागर X मूल पाठ भाषाटीका आज सभाजी ," भाषा " " 39 99 X X X X परतीरामजी म० X 39 | भाषा टीका भाषा मूल पाठ नन्दराम अग्रवाल x xx x xda X X मापकवि मम्मट X X X विनयसुन्दर पं० दुलीचन्द चनाजी आज X X कीर्तिविजय X विषय जैन धर्म ४ " 99 जीवन 99 ► " " "" " " 56 " " जैन धर्म आलोचना जैनधर्म 39 99 ५ 39 काव्य 99 जैनधर्म 99 99 95 99 19 99 29 " पृष्ठ सम्वत् - 20 V 9 v w x z ८ ६ २३ २९ ३८४ ६ ७ ५० २१ १३ ८ २० २०२ ९ ३ ५ १९१२ ६ १९०९ w ४ १८९४ | थोड़ा ބ ތ १६८० १९०५ १२ १६९५ ४९ ९ १६४२ २२ २६ १७०८ २६ १८२८ २३ १८३८ ३१ १९४३ १७०१ १८९६ | जैन धर्म चौपाई ९ १७७२ " 91 " 99 " "" "" १६९० १७२६ चौपाई १८४८ कहानी 99 जैन धर्म व्याख्या कथा कहानी चौपाई 39 39 99 99 99 Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नाम पुस्तक मूलया भाषा निर्माण कर्ता | विषय व्याख्या १२४ १७२८ ले० जगदेव XXX ॐ | ले० पं० जीतमल ले० देवोशंकर ले० ऋभिगोपाल xxx १२३ गौतम कुलक संस्कृतटीका कर्मचन्द्र भाषा टीकाx बावनचाल रूप दीप पिंगल भाषा श्री भगवाना पिंगल १२६ | विदग्ध मुख मंडनस्य सूत्र संस्कृतटीका धर्मदास कवि जैन धर्म __चतुर्थ परिच्छेद समयसार नाटक सिद्धान्त भाषा | बनारसीदास नाटक समयसार नाटक भाषा १२९ चतुर्मासिक त्रय व्याख्यान सं. मूलपाठ x जैन धर्म १३० परिभाषा शब्देन्दु शेखर संस्कृत व्याकरण १३१ परिभाषेन्द्र शेखर संस्कृत १३२ आदिनाथ जी का स्तवन भाषा विजयतिलकोपा० जैन धर्म १३३ अषादभूत स्तवन भाषा १३४ | थलिभद्र चौपाई भाषा १३५ अढ़ीद्वीप का नकशा नकशा आत्रेयसार संग्रह भाषा टीका आत्रेय वैद्य वैद्यक १३० माधव निदान भाषा टीका माधवार्य वैद्य १३८ निघन्ट नाम माला रस भाषा टीका श्री धन्वन्तरि वीर्य सहितस समावर्ग १३९ वैद्य संजीवन नाम पंचमो विलास | मूलपाठ सोनुलो महाराज १४० वैद्य संजीवन नाम पंचमो विलास भाषा टीका " | योग शतक | मूलपाठ | धन्वन्तरि जी १४२ पथापध्यविचार मूलपाठ १४३ शेवयोगनिरुपण अमोध्याय | सटीक व इस्तिवधन्न वैद्य भाषा टोका १४४ नाड़ी परीक्षा भाषा टोका १४५ अमर कोष संस्कृत मूल अमरसिंह जी कोष १४६ सिद्धान्त चन्द्रिका व्याख्या | सटीक सदानन्द व्याकरण १४७ १४८ शीघ्र बोष भाषा टीका | ज्योतिष १४९ | वन्दार प्रिय श्रावकाराधन मूल पाठ जैनधर्म १८२८ वारावल्लभ गणि ले० उदयचन्द्र | ले. पं० रायजी | ले० पं० अमरचन्द ले. नन्दराम भवान XX | १०९ ले. रामलाल ले० जीतमल Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (८). नाम पुस्तक সুলমাখা निर्माण कर्ता विषय पृष्ठ सम्वत् व्याख्या सटीक | संस्कृत | भाषा ९९ कालीदास काब्य विनयविजयगणि जीवन विनयवदन्नम । तत्त्वकुमार पद्य में ८२३ ले० पं० सुजान १५० | कौमदी कथा १५१ रघुवंश १५२ श्रीपाल चरित्र चतुर्थ खंड १५३ श्रीपाल चरित्र रास १५४ , " . १५५ , " १५६ , चरित्र १५७ श्रीकृष्ण देवली १५८ भत हरि शतक " पद्य X ,, ले० पं० रूपविजय गद्य पं० दौलतविजय १५९ भाषाटीका भाषा पृथ्वीराज सतीक भत हरि संस्कृत सटीक संस्कृत माण समयसुन्दर उपा । मूल पाठ | साधू लाभगणि भाषाटीका मोहनकुशलगणि भाषा समाकल्याणगणि राजनीति १६० राजनीति मित्र भेद १६२ राजनीति १६३ विशेष शतक १६४ विधिप्रिया १६५, श्री संबोहत्तरी १६६ प्रश्नोत्तर सार्ध शतक १६७ पुंडरीक पूजा विधि १६८ | सिन्दूर प्रकरण XX २१ १९०९ ले० हरसुदास | ले० सीतलराज गणि | १८५२ KX जैनधर्म संस्कृत सटीक ' संस्कृत २३ | १८४६ ले. हुकमचन्द जी १६ | १७२६ प्रेमराज हषकीर्ति मूल पाठ भाषा | १५६३ " '७२ ध्यान शतक | तीसरी पचखाण पंच कल्याणक गुणनो इकबीस ठाणा व चर १७६ साधु बंदना १७७ क्षेत्र समास | सिद्धान्त गणित १७९ / विवस्य प्रतिष्ठा पूजा १८० | सूक्तावली १६०७ (ले० सुमतिनाथ भाषाटीका सिद्धसेन आचार्य संस्कृतx भाषाटीका x । भाषा दीपविजय संस्कृत X भाषाटीका सोमप्रभ सरि Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०नं० १८१ कामवृत्ति ટ भक्तामर १८३ मगावती चौपाई १८४ १८५ 33 १८६ | अजापुत्र राजेन्द्र की चौपाई १८७ चन्दन मलियागिरी की चौपाई १८८ सारस्वत प्रक्रिया १८९ १९० १९१ १९२ १९३ १९४ १९५ १९६ १९७ १९८ 33 १९९ पट्टावली २०० | पट्टावली तथा गच्छ 29 39 " व्याकरण मौन एकादशी कथा वैराग्य शतक नाम पुस्तक कर्म कर्म विपाक सूत्र " "" प्रन्थ का बालबोध जीव विचार कर जीवविचार २०१ २०२ २०३ २०४ चतुः शरण पट्टावली मेरु दयोदशी कथा "3 २०५ २०६ | शुद्ध त्र २०७ सौन्दर्यलहरी २०८ श्रावकाराधना २०९ षष्टिशतक प्रकरण २१० चोचीस जनानुपागर्भ स्वयन २४ तीर्थंकरों का स्तवन २११ मूल या टीका सटीक संस्कृत भाषा "" "" " ,, सटीक संस्कृत भाषाटीका "" 39 29 भाषा भाषा टीका " "" " भाषा सटीक संस्कृत " "" ११ सटोक मूल पाठ भाषा-संस्कृत " भाषाटोका भाषा ( ९ ) निर्माणकर्ता X X X X X X X X X X X X X X X X चन्द्रकीर्ति अनुभू. स्वरूपाचार्य देवेन्द्रसूरि संस्कृत शंकराचार्य X XX X X X X X विषय जैन धर्म "" "" "" " " "" " व्याकरण जैनधर्म " "" "" " 29 "" " " "" " " 39 59 " " " पृष्ठ सम्बत् 32 ≈ 2. & 2 2 2 2 3 3 २३ ११ २१ १६५५ पद्य १० १७७६ १५ १०१२ लेखक गंगाराम १९१७७६ १७ ६३ १०७ १८ १४ ७ ૮ १८ १८ ११ ८ १९२१ जेखक जयचन्द्र १८४० 33 शिवचन्द्र योकड़ा ५ ९ १५ १९ १३ १४ वैष्णव धर्म ८ जैनधर्म ६ ले०कमललामहोपाध्याय १२ १० व्याख्या १५ १६०१ ६ १९०५ ५ थोकड़ा 33 १९२६ लेखक जयचन्द्र १०५८ लेखक तिलक रुचिगणि १८५० ९. १९४१ " पदमाकर लेखक वेणीदत थोकड़ा Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पु०० नाम पुस्तक मूलयाभाषा निर्माण कर्ता विषय | सम्वत् व्याख्या जैनधर्म थोकड़ा समालोचना १७६३। संस्कृत भाषा टीका मेरुस्कंदगणि भाषा भाषा टीका भाषा मूल पाठ भाषाटीका भाषा संस्कृत भाषाटीका प्राकृत भाषा संस्कृत मूलपाठ भाषाटीका भाषा م ه ه ه ه ه م . م ه २१९ १९०४ १६५५ जीवन जैनधर्म xxxxxxxxxxxxxxxx xx ज्योतिष जैनधर्म २१२ गुण स्थान द्वार २१३ | पंच निर्ग्रन्थ २१४ | दिगम्बराम्नाय की चर्चा २१५ भावना कुलक बालावबोध | गणधर स्तुति फाल्गुण चतुर्माशी पिंड विशुद्धि प्रकरण सिद्धचक्र जीरो गुणनो हरिश्चन्द राजा का चरित्र श्रीसाठिसनु प्रकरण २२२ | सातों स्मरण | मुहूर्त विचार २२४ श्रीबंग चलिया सूत्र होलि कथानक २२६ अखना रास राजुल पचीसी अनोषि स्तवन २२९ देवराज बच्छराज का रास चैत्य बंदना कल्याण मंदिर २३२ रूपसेन चरित्र २३३ सिद्धान्त स्तवन ३४ श्राद्धदिनकृयकुलक २३५ नवनिधान चवदार विचार चतुर्मासिक प्रति व्याख्यानं २३७ मुखपति पडिलेहणा विचार २३८ असमाई आरानाम सम्यक्त्व सरूप | नन्दीश्वर दीप पूजा शीलोपदेशमाला बालावबोध २२५ जीवन कविता में जैनधर्म २२८ पद्य (जैन) २ ले० तिलोकचन्द्र ५ १९०५ , उदयचन्द्र " माणकचन्द्र २३१ भाषाटीका संस्कृत भाषाटीका जिनप्रभसूर जीवन जैनधर्म १८७४ पद्य १७७६ भाषा प्राकृतभाषा भाषा संस्कृत भाषा २३६ XXX XXX २३९ २४० भाषाटीका भाषा पद्य कथा जैनधर्म १९५ १८२, ले० पं० दौलतवेलीजी Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नाम पुस्तक मूल याटीका निर्माण कर्ता विषय पन सम्वत् व्याख्या ज्योतिष जैन धर्म भाषा पदा xx x x x x x x x x x x x ५ १७८७ ले. केशरीसिंह ४ १७२० ,, धर्ममुनि २५२ संस्कृत २४३ त्रिलोकसार भाषाटीका २४४ गुणानुराग २४५ | महावीर जिन स्तवन २४६ तप भेद २४७ रोहणी तप स्तवन शत्रुजय रास शत्रंजय मंडनादि जिन स्तवन भाषाटीका २५० शत्रुञ्जय मंडन रिषभ जिन स्तवन भाषा २५१ रावण मंदोदरी सम्वाद अष्टापद महातीर्थ जिन स्तवन २५३ सम्यक्त्व स्वरूप भाषाटीका २५४ २४ तीर्थकरोंका २१ बोलजिनस्थानक २५५ साधु अतिचार भाषा २५६ त्रिपुरा स्तोत्र २५७ चिन्तामणि पिंगल २५८ माघ काव्य संस्कृत माघकवि २५९ उत्तराध्ययन सत्र भाषा टीका आत्मानुशासन भाषा आचाराङ्ग सत्र अर्थसहित २६२ सयगड़ान सत्र २६३ उत्तराध्ययन मूलपाठ २६४ कल्प सूत्र २६५ निरयावलीकादि सूत्र २६६ आवश्यक सत्र अर्थसहित २६७ सारस्त ब्याकरण पर्वाद्ध संस्कृत २६८ जम्ब पईना अर्थ सहित २६९ सूयगडाँग सत्र २७० भगवती सत्र २७१ | प्रश्न व्याकरण सत्र सटीक २७२ दशवैकालिक सूत्र २७३ संग्रहणी सूत्र पिंगल काव्य — जैनधर्म १९४५ ६८ १९८६ : : XXXx x x x x x x x x x १९१० व्याकरण जैनधर्म मूल पाठ २५१ १७६४ १०२ Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१२) पुन नाम पुस्तक मूल या टीका निर्माण कर्ता बिषय | सम्वत् व्याख्या र व्याकरण । ३२ १९७९ ढाल जैनधर्म चौपाई जैन धर्म ४० २७४ क्षेत्र समास ग्रन्थ २७५ नेमीनाथ जी का ढालसागर २७६ मुनिपत की चौपाई २७७ चन्दराजा की चौपाई २७८ कर्मरेश की चौपाई २७९ | तेतली प्रधान की चौपाई २८० चौवीसी पद २८१ अजना सती का गस चन्दन बाला का रास २८३ उत्तराध्ययन सत्र २८४ आवश्यक सत्र २८५ निरयावलिका सत्र २८६ सुख विपाक २८७ दशवैकालिक सूत्र २८८ अनुत्तरोववाई स्त्र २८२ उपासक दशांग सत्र भाषाटीका ::::::::x .:: : Page #14 -------------------------------------------------------------------------- _