Book Title: Mahavagga Tika Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri View full book textPage 3
________________ धम्मगिरि- पालि - गन्थमाला- - ८ [ देवनागरी ] दीघनिकाय एवं तत्संबंधित पालि साहित्य ग्यारह ग्रंथों में प्रकाशित किया गया है । प्रथम आवृत्ति : १९९८ ताइवान में मुद्रित, १२०० प्रतियां मूल्य : अनमोल यह ग्रंथ निःशुल्क वितरण हेतु है, विक्रयार्थ नहीं । सर्वाधिकार मुक्त । पुनर्मुद्रण का स्वागत है। इस ग्रंथ के किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन के लिए लिखित अनुमति आवश्यक नहीं । ISBN 81-7414-057-3 यह ग्रंथ छट्ट संगायन संस्करण के पालि ग्रंथ से लिप्यंतरित है । इस ग्रंथ को विपश्यना विशोधन विन्यास के भारत एवं म्यंमा स्थित पालि विद्वानों ने देवनागरी में लिप्यंतरित कर संपादित किया। कंप्यूटर में निवेशन और पेज-सेटिंग का कार्य विपश्यना विशोधन विन्यास, भारत में • हुआ प्रकाशक : विपश्यना विशोधन विन्यास धम्मगिरि, इगतपुरी, महाराष्ट्र- ४२२४०३, भारत फोन : (९१-२५५३) ८४०७६, ८४०८६ फैक्स: (९१-२५५३) ८४१७६ सह-प्रकाशक, मुद्रक एवं दायक : दि कारपोरेट बॉडी ऑफ दि बुद्ध एज्युकेशनल फाउंडेशन ११ वीं मंजिल, ५५ हंग चाउ एस. रोड, सेक्टर १, ताइपे, ताइवान आर. ओ. सी. फोन : (८८६-२) २३९५-१९९८, फैक्स : (८८६-२) २३९१-३४१५ Jain Education International 2 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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