Book Title: Maharashtra ke Jain Shilalekh Author(s): Vidyadhar Johrapurkar Publisher: Z_Acharya_Shantisagar_Janma_Shatabdi_Mahotsav_Smruti_Granth_012022.pdf View full book textPage 3
________________ महाराष्ट्र के जैन शिलालेख 317 अवश्य उपलब्ध होते हैं। नागपुर, कारंजा आदि स्थानों के ऐसे लेख प्रकाशित हुए हैं किन्तु अधिकांश स्थानों के लेख अभी अप्रकाशित हैं / इन लेखों से मध्ययुग में इस प्रदेश में विद्यमान आचार्यों और श्रावकों के विषय में बहुमूल्य सूचनाएं मिलती हैं / इनका इतिहास की दृष्टि से अध्ययन करने का प्रारम्भिक प्रयत्न हम ने भट्टारक सम्प्रदाय नामक ग्रन्थ में किया था। इस कार्य को आगे बढाना तथा महाराष्ट्र के समस्त मूर्तिलेखों का संकलन करना उपयोगी सिद्ध होगा। इस लेख में वर्णित शिलालेख माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, बम्बई (अब वाराणसी) द्वारा प्रकाशित जैन शिलालेख संग्रह में देखे जा सकते हैं। इसके चार भाग प्रकाशित हो चुके हैं तथा पांचवे भाग का मुद्रण चल रहा है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3