Book Title: Logassa Ek Sadhna Part 01
Author(s): Punyayashashreeji
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh Prakashan

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Page 248
________________ • भगवान नेमि के तीर्थ में - श्रीकृष्ण • भगवान पार्श्व के तीर्थ में -अम्बड़, सत्यकी, आनंद * भगवान महावीर के तीर्थ में - श्रेणिक, सुपार्श्व (भगवान के चाचा) पोटिल, उदायी, द्रढ़ायु, शंख, शत्तक, सुलसा श्राविका, रेवती श्राविका। (संदर्भ-अध्यात्म का समाधान पृ./१६) ५. तीर्थंकरों की प्रथम देशना का विषय तीर्थंकर प्रथम देशना का विषय १. ऋषभदेव यति धर्म और श्रावक धर्म २. अजित धर्म ध्यान के चार प्रकार ३. संभव अनित्य भावना ४. अभिनंदन अशरण भावना ५. सुमति एकत्व भावना ६. पद्मप्रभ संसार भावना ७. सुपार्श्व अन्यत्व भावना ८. चन्द्रप्रभ अशुचि भावना ६. सुविधि आश्रव भावना १०. शीतल संसार भावना ११. श्रेयांस निर्जरा भावना १२. वासुपूज्य धर्म भावना १३. विमल बोधि दुर्लभ भावना १४. अनंत लोक भावना एवं नौ तत्त्वों का स्वरूप १५. धर्म मोक्ष का उपाय एवं कषाय का स्वरूप १६. शांति इंद्रिय विजय मनशुद्धि अर राग-द्वेष और मोह पर विजय मल्लि सामायिक २०. मुनिसुव्रत यति धर्म और श्रावक धर्म २१. नमि श्रावक क्रिया २२. अरिष्टनेमि चार महाविगय, रात्रि भोजन तथा अभक्ष्य २३. पार्श्व बारह व्रतों का निरुपण २४. महावीर यति धर्म और श्रावक धर्म (संदर्भ-तीर्थंकर चरित्र-पृ./२४३) कुंथु २२२ / लोगस्स-एक साधना-१

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