Book Title: Logassa Ek Sadhna Part 01
Author(s): Punyayashashreeji
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh Prakashan

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Page 247
________________ ३. तीर्थंकरों के शासन में केवलज्ञानी साधु-साध्वियों की संख्या केवली साध्वियां चालीस हजार चालीस हजार तीस हजार तीर्थंकर १. ऋषभदेव २. अजितनाथ ३. संभवनाथ ४. अभिनंदन ५. सुमतिनाथ ६. पद्मप्रभ ७. सुपार्श्वनाथ ८. चन्द्रप्रभ ६. सुविधिनाथ १०. शीतलनाथ ११. श्रेयांसनाथ १२. वासुपूज्य १३. विमलनाथ १४. अनंतनाथ १५. धर्मनाथ १६. शांतिनाथ १७. कुंथुनाथ १८. अरनाथ १६. मल्लिनाथ २०. मुनिसुव्रत २१. नमिनाथ २२. अरिष्टनेमि २३. पार्श्वनाथ २४. महावीर * * # * केवली साधु बीस हजार बाईस हजार * पन्द्रह हजार चौदह हज़ार तेरह हजार बारह हजार ग्यारह हजार दस हजार साढ़े सात हजार सात हजार साढ़े छः हजार छः हजार साढ़े पांच हजार पांच हजार साढ़े चार हजार चार हजार तीन सौ तीन हजार दो सौ दो हजार आठ सौ तीन हजार दो सौ एक हजार आठ सौ एक हजार छः सौ एक हजार पांच सौ एक हजार सात सौ ४. तीर्थंकरों के शासन में तीर्थंकर गौत्र का बंध करने वाले पुण्यात्मा - मरीचि - हरिषेण, विश्वभूति - अट्ठाईस हजार छब्बीस हजार चौबीस हजार बाईस हजार बीस हजार भगवान ऋषभ के तीर्थ में भगवान सुपार्श्व के तीर्थ में भगवान शीतल के तीर्थ में पन्द्रह हजार चौदह हजार तेरह अजार बारह हजार दस हजार दस हजार नौ हजार आठ हजार छः सौ छः हजारे चार सौ पांच हजार छः सौ छः हजार चार सौ तीन हजार छः सौ तीन हजार दो सौ तीन हजार दो हजार एक हजार चार सौ (संदर्भ - जैन कथाकोष - पृ . / ३६७) - श्रीकेतु, त्रिपृष्ठ, धन, मरुभूमि, अमित, तेज । भगवान वासुपूज्य के तीर्थ में - नंद-नंदन, शंख, सिद्धार्थ भगवान मुनिसुव्रत के तीर्थ में- श्रीवर्मा, रावण, नारद परिशिष्ट-१ / २२१

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