Book Title: Limbdi Jain Gyanbhandarni Hastlikhit Prationu Suchipatra
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 134
________________ [ ५१] Jain Education International १८८७ सं.ग. ८३४ चित्रसेनपद्मावतीचरित्र सस्तब्बक राजवाभ.स्त. भक्तिविजय १५१ ११२ ८३५ चित्रसंभूति चतुष्पदी १५२४ १७३१ १७३१ १४२२ ३०८७ ज्ञानसागर ९६०९ ३६ १७३४ ८३६ चित्रसभूतिस्वाध्याय १८६९ २२७३- ११ २५३६-१० १४थी१५ २९४४- ११ १२८८-३३ १११थी११२ गा.१२ अपूर्ण रत्नसुंदर यशोविजय For Private & Personal Use Only ८३८ चिताकुलक चिंतामाण चिंतामणिपार्श्वनाथस्तवन ८४१ ८४२ चिंतामणिपार्श्वनाथस्तुति ८४३ चिंतामणिपार्श्वनाथस्तोत्र ८४४ चेतनशिखामणस्वाध्याय ८४५ चेतनानारीस्वाध्याय ८४६ चेतनास्वाध्याय ८४७ चेनास्वाध्याय का.११ १८६९ १७३७ सकलचंद्र ९३५-२ २पत्रांतर्गत ३०३२- ११ १४९८-२ १ १२६४१ २५३६-१७ २३थी२५ ३२४६-८ ८थी९ ३२४६-२२ १८थी१९ २३९५ १ २५०३- ११ २५३६-४२ ५ मेपाने २६५३-२ १ m समयसुंदर १८६९ ८४८ चैत्यद्रव्यरक्षणभक्षणफलस्वाध्याय चैत्यवंदन न्यायसागर विनयविजय www.jainelibrary.org १९७६४ १८६३ १ २३३३-१ २पत्रांतर्गत २४०३-२ १ ८५० ८५१ १८४१

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