Book Title: Limbdi Jain Gyanbhandarni Hastlikhit Prationu Suchipatra
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Agamoday Samiti
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[७१ ] ५१५५ दशवैकालिकसूत्र प्रथम १७गाथा ११५६ दशवकालिकसूत्रप्रथमाध्ययन
गा.५
१३४२-२
१
"
प्रा.गु.
२९५०
१९९
४८
चुलिका अपूर्ण छे.
११५७ दशवेकालिकसूत्र बालाव
बोधसहित
त्रिपाठ
"
११५९ दशवैकालिकस्त्रबृहद्वत्ति
बा.श्रपिाल हरिभद्रमरि
१५२२
७७५० ६८१८ मू.७०० ,,७००
१९६०
दशवैकालिकसूत्र सस्तब्बक
शय्यंभवमृरि
प्रा.गु.
२२ ३८० १३८ १७६ २००
०
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११६२ ११६३ ११६४
१७०७
,,७००
०
१८१२
,,७००
४२३ ४८६ ४९३ ३४२
११६७ ११६८
,,७०० ३७००
स्त.१६६७
१६७६
स्त.राजचंद्रसूरि
स्त.१६६७
३७००
११६९ दशवकालिकमयावचुरि ११७० ११७१ दशवैकालिकस्वाध्याय
वृद्धि विजय
३८३ १८-१ थी१५ २२१ २२१७-
१४पत्रांतर्गत २९०६ २थी६ ३३७५ २२९६-
११
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१७८६
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दशश्रावकनगरादियंत्र

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