Book Title: Laghuprabandhsangrah
Author(s): Jayant P Thaker
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 297
________________ 126 Text Page Line For Read 13 10 10 प्यभवत् 19 14 गृहीत्वा २४० owww 2 पुपुष्यमु पुपुष्यमु last गौडेरवररय गौडेस्वरम्य मुक्तावली -मुक्तावली 4 -दक्षिणायां दक्षिणायां दिवसे'५ दिवसे०५ तद्दीयताम्९६० तद्दीयताम्१६० 4 प्रमार्जयती प्रमार्जयन्ती 7 दीठउ युराउ दीठउयु राउ प्यभवत गृहीत्वा 7५० 23 कृतद्विज. कृत द्विज. सान्तू सान्तू। मूकन्नेन मू कन्नेन अच्छ अच्छमइ मइह हउं दिणुजाइ दिणु जाइ वहंत इंजनकी वहंतई जन कीउ उपर पर कज कज किम किम जइ दीहाज तिवलं तिनह दीहा जंति वलंति न हु 17 लहू अउलगइ धम्मकरि लहूअ उलगइ धम्म करि 18 सूअ सूअ 23 वुद्धि °बुद्धि 8 delete the danda and the comma. 15 स हिं कार्य सहसा सर्व्हि कार्यसहसा उत्सकन उत्सक न 20 लह [इ] लह[[] 21 स्तम्भिता स्तम्भिता'०० IO N NNNNNNNNNNNNNNN NANHHHHHHHHHHHHunw. OUL WIH जइ Appendices II 18 Prakrits Sanskit Prakrits Sanskrit 32 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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