Book Title: Laghu Ane Bruhat Prakrit Vyakaran
Author(s): Dalichand Pitambardas
Publisher: Dalichand Pitambardas
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' (२) तरणि
.
तरणि
2
तहणी तरुणि दीमाश मंगलग्गं-ग्गो म्यः शेषा
-
दामशि मंडलग्गं-ग्गो भ्यः शेषा परि
1
.
परी
स्य
२८
स्या अभिज्ञा प्रतिस्था बुड्ढी ऋद्धिः वहणं
भभिज्ञ प्रतिष्ठा
वुड्ढी
४८
ऋद्धिः
वणं
दिशौ
च, त णक
देशौ
च, ज, त , णकं
५९
गतं
मतं
६९
०
७३
पस्य शफरो
फस्य शफरः
७४
.ताना
ताना षड्ज उत्पातः
उतपातः
दुरो

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