Book Title: Kya Shastro Ko Chunoti Di Ja Sakti Hai Shanka Samadhan
Author(s): Amarmuni
Publisher: Z_Pragna_se_Dharm_ki_Samiksha_Part_02_003409_HR.pdf

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Page 14
________________ सम्बन्ध में अपना वास्तविक निर्णय घोषित करते हैं। परीक्षा करने पर कभी पूर्व निर्धारित सम्भावनाएँ ठीक प्रमाणित होती हैं, कभी ठीक नहीं भी होती हैं। वैज्ञानिकों की सच्चाई यह है कि सम्भावना सत्य सिद्ध न होने पर वे तत्काल घोषित करते हैं कि हमारी सम्भावना सही नहीं प्रमाणित हुई। हम लोगों की कैसी मन:स्थिति है कि वैज्ञानिक जिसे सम्भावना कहते हैं, हम उसे पूर्ण सत्य मान लेते हैं और जब वे कहते हैं कि सम्भावना ठीक नहीं निकली, प्रत्यक्ष से प्रमाणित नहीं हुई, तब हम कहते हैं कि देखो, वैज्ञानिकों की बात झूठी हो गई। रेडियो, टेलीविजन आदि के अनेक आविष्कार आज जब प्रत्यक्ष में सिद्ध हो गये है। तो क्या वे भविष्य में कभी गलत भी होंगे? अग्नि प्रत्यक्ष में उष्ण प्रमाणित हो गई है तो क्या यह भी कभी असत्य सिद्ध होगी? अधूरा तर्क देकर जनता को भ्रम में डालना, किसी भी तरह उचित नहीं कहा जा सकता। और यह चन्द्रमा की सतह पर उतरने और वहाँ से पत्थर मिट्टी लाने की बात कौन सी अपूर्ण विज्ञान की बात है? वैज्ञानिकों ने तीव्र गति के राकेट यानों का आविष्कार किया, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त होने की प्रक्रिया खोज निकाली, चन्द्र तल पर हवा न रहने के कारण वहाँ प्राणवायु आदि ले जाने की व्यवस्था की और अपनी योजना के अनुसार चन्द्रमा पर पहुँच गए। वहाँ जो कुछ आँखों से देखा, उसका विवरण जनता के सामने रखा। चन्द्र की ओर जाना, चन्द्र की सतह पर उतरना और फिर सकुशल लौट आना, मुक्त रूप से लाखों-करोड़ों जनता को दिखा दिया। अब इसमें क्या अधूरापन है? भविष्य की खोज से आज का सत्य कल कैसे असत्य होने वाला है? क्या आप यह आशा रखते हैं कि कुछ दिनों बाद वैज्ञानिक यह कहेंगे कि अरे भूल हो गई। हम चन्द्रमा पर नहीं, एक पहाड़ पर उतर गये थे और उस पहाड़ को ही हमने भूल से चन्द्रमा समझ लिया था। यदि ऐसी कुछ आशा रखते हैं तो आप भ्रम में है। आज 20 नवम्बर है, इध र मैं लेख लिख रहा हूँ और उधर अपोलो 12 के चन्द्रयात्री चाँद की सतह पर घूम रहे हैं। लाखों लोग धरती पर से उन्हें देख रहें और अभी-अभी एक भाई सूचना दे रहे हैं कि अपोलो 12 के चन्द्रयात्री अपने साथ चाँद सतह से पत्थर तो ला ही रहे हैं, साथ ही वे उस मानव रहित सर्वेयर-3 अन्तरिक्ष यान के कुछ हिस्से भी लेकर आ रहे हैं, जो ढाई वर्ष पूर्व अमरीका द्वारा चाँद पर उतारा गया था। खोज चालू रहने का यह अर्थ तो नहीं कि कल वह चन्द्रमा नहीं रहेगा? कुछ और हो जायेगा। वैसे तो खोज अभी पृथ्वी की भी कहाँ पूर्ण हुई है। परन्तु 46 प्रज्ञा से धर्म की समीक्षा - द्वितीय पुष्प Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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