Book Title: Kya Motapa Yoga se Kam Hota Hai
Author(s): B K Bandre
Publisher: Z_Umravkunvarji_Diksha_Swarna_Jayanti_Smruti_Granth_012035.pdf

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Page 2
________________ क्या मोटापा योग से कम होता है ? | २६५ (२) शशकासन विधि-दोनों पैरों के घटने मोड़कर एड़ियों के भीतर नितम्बों को रखें और कमर सीधी रखते हुए बैठ जाइए। दोनों हाथों को ऊपर उठा कर सामने झुकें, हाथों की कोहनियों को सीधी रखते हुए माथा जमीन पर लगाने का प्रयास करें। श्वास लेना-छोड़ना बन्द न करें। धीरे-धीरे हाथ ऊपर उठाते हुए ऊपर आइये । लगभग १ से २ मिनट तक इसी स्थिति में रहना उचित है। इस प्रासन को गर्भवती महिलायें न करें। हृदयरोग एवं उच्च रक्तचाप वाले न करें। यह पेट का मोटापा घटाने में सरल एवं उपयुक्त प्रासन है। (३) योगमुद्रा विधि-दोनों पैर को लम्बा रखते हए जमीन पर आसन बिछा कर बैठ जाइए । दाहिने पैर को घुटने से मोड़ कर बायें पर की जांघ पर रखें। बायें पैर को घुटनों से मोड़ कर दाहिने पैर की जांघ पर रखें, इस प्रकार पद्मासन पूर्ण हो जायेगा । अब दोनों हाथ ऊपर उठा कर सामने झुक जाइये और मस्तक को घटनों से आगे जमीन पर लगाने का सहज प्रयास कीजिए । श्वास लेना-छोड़ना न भूलें। इस स्थिति में लगभग १ से २ मिनट तक स्थिर रहें। फिर धीरे-धीरे ऊपर उठ कर पैर खोल दीजिए। यह आसन पेट, कूल्हे एवं जंघात्रों का मोटापा घटाने में उपयुक्त है। घटनों के भयंकर दर्द में यह न करें। पद्मासन न होने की स्थिति में अर्ध-पद्मासन करते हुए योगमुद्रा करना प्रारम्भ में उपयुक्त होगा। (४) वक्रासन विधि-दोनों पैर लम्बे करते हए जमीन पर बैठ जाइए। दोनों हाथों को पीठ के पीछे जमीन पर रखें। दाहिने पैर को घुटनों से मोड़ कर बायें पैर के घुटने के पास जमीन पर जमाइये । बायां हाथ पीछे से उठा कर छाती और दाहिने घुटने के बीच से निकाल कर लम्बे पैर के घुटनों को पकड़ लीजिए। दाहिने कंधे और गर्दन को दाहिनी तरफ घुमाइये । इस स्थिति में कुछ देर तक श्वास-प्रश्वास लेते हुए बैठे रहें। इसे वक्रासन कहते हैं। वक्रासन इसी प्रकार दूसरी तरफ से उतने ही समय के लिए कीजिये । अत्यधिक कमर दर्द में इसे न करें। गुर्दे के दर्द में एवं जिगर की कमजोरी पर इसे न करें। यह आसन पेट का मोटापा घटाता है। मोटापे में भूख कम लगती है। भूख कम हो जाती है। (५) अर्धशलभासन विधि-जमीन पर प्रासन डाल कर पेट के बल लेट जाइये। दोनों हाथों को अपने शरीर के साथ रखें। जमीन पर हथेलियां जमायें और ठोड़ी भी जमीन पर रखें । एक पैर को पीछे से ऊपर उठायें। घुटने को न मोड़ें और श्वास साधारण चलने देवें । लगभग १ से १३ मिनट तक इस स्थिति में लेटे रहें और इस प्रकार दूसरे पैर को ऊपर उठायें। समय उतना ही लगायें। यह प्रासन कल्हे, जंघानों एवं पेड़ का मोटापा घटाता है। इससे उच्च रक्तचाप कम हो कर शक्ति-स्फति का आभास होने लगता है। दोनों पैरों को एक-साथ उठाने पर शलभासन किया जाता है। आसनस्थ तम | आत्मस्थ मम तब हो सके आश्वस्त जम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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