Book Title: Kumarvihar Shatak
Author(s): Ramchandra Gani
Publisher: Jain Atmanand Sabha

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Page 252
________________ कुमारविहारशतकम् ॥ श्रीरामचंड गणीए रचेव श्रीकुमारविहारशतक समाप्त थयु. श्रीमत्तपागच्छीयश्रीसोमसुंदरसूरिशिष्यश्रीविशालराजशिष्यपमितविवेकसागर गणिशिष्यपंमितोत्तमविबुधराजसुधाजूषणगणिविरचिता अवचूर्णिः समाप्ता ॥ श्री तपागच्छना श्री सोमसुंदरसूरिना शिष्य श्री विशालराज, तेमना शिष्य पंमित विवेक सागर गणी अने तेमना शिष्य पंमितोमा उत्तम अने विधानोना राजा समान श्री सुधाजूषण गणीए रचेनी आ अवचूर्णि समाप्त था.

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