Book Title: Kumarpal Ras Author(s): Suyashchandravijay, Sujaschandravijay Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 7
________________ २४ अनुसन्धान-५७ कान्हडदेस कान्हडीअ भणई, जाणीअ जालंधर ||३६|| वस्तुः मारि वारिअ मारि वारिअ देस अढारि, देस-विदेसह मेलि करि भविअण जुत्त कराविअ चउदसहि चालीस सहिअ रायविहार किउ रिद्धि सारिअ, मोगउ मूंकी जेण हिव जगि लीधउ जसवाउ, हुउ न होसिइ अवर कोइ, कुमरड सरिसउ राउ ||३७|| त्रिहु भुवणे जसु कीर्तित लईणई गूजर राई, कृतयुगि कय अवतारं, नेव गजिअ कलिवाइं, सेविअ भावठि जि कम्मदोस, जिम बंभ चक्कीसरि, देवभूमिगिइं सिद्धचक्क, जयसिंह नरीसरि ॥३८॥ चूलिक्यवंसी तिहुणपाल कुलअंबरभाणू, विक्कम वच्छरि वरतत ए, एगार नवाणूं, पाटि बईठउ कुंमरपाल, बलि भीम समाणउ, मंडइ रणरंगि जासु तणइ कोइ राउ न राणउ ||३९|| मेरु न ठामह चलइ, जाव जां चंद-दिवायर, शेषनाग जां धरइ भूमि, जां सीसिहं सायर, धम्म वसउ जां जगहमांहि, हूअ निश्चिल होइ, कुमरड रायह तणउ रास, नंदउ भू महीअलि ॥४०॥ सूरीसरि सिरिसोमतिलक, गुरु पाय पसाई, बहु देवप्पe गणिवरेण, रचिउ इह रासो, पढइ गुणई जे सुणइं रास, जिण हरि खेलेइ, सविहं दुरिहं करिअ छेह, सिवपुर पामेइ ॥४१॥ ॥ इति श्रीकुमारपाल भूपाल रास सम्पूर्णः ॥ अहिंसा प्रथमं पुष्पं, पुष्पमिन्द्रियनिग्रहः । सर्वभूतदया पुष्पं, क्षमा पुष्पं विशेषतः ॥१॥ ध्यानपुष्पं तपःपुष्पं, ज्ञानपुष्पं च सप्तमम् । सत्यं चैवाऽष्टमं पुष्पं, तेन तुष्यन्ति देवताः ॥२॥ ॥ इति अष्टपुष्पं मं० अजितवीरगणिनाऽलेखि ॥Page Navigation
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