Book Title: Kharvel no Hathigufa Abhilekh
Author(s): Hasmukh Vyas
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 5
________________ फेब्रुआरी २०११ १३७ साधुओ) माटे तेमज अन्य गुफा निर्माण तेमज स्तम्भादि सुकृत्यो माटे व्यय कराई हती. डॉ. घोष, मानवं छे के वस्तुतः वाक्य अहीं ज पूरुं थई जाय छे. डॉ. जयस्वाले 'पानतरीय-सथि-वस-सते' पछी 'राजा मुरिय काले वच्छिने' पद साथे भेळवी दइ अक करी दीधुं छे. वस्तुतः प्रथम पद पछीनो पाठ आ प्रमाणे होवो जोइओ : मुं(खि)य-कला-वोछिन' आमां मौर्यकाळनो उल्लेखसंकेत नथी. अधिकांश विद्वानोओ आ पाठने मान्य (अधिकृत) गणी स्वीकार्यो छे. ___अभिलेख-विशेषज्ञोना मते प्रस्तुत अभिलेख सम्भवतः नानाघाटना लेखोना समीपवर्ती समयनो अथवा समकालीन तेमज हेलियोडोरसना बेसनगरना अभिलेख पछीनो होइ आने इसु पूर्वेनी प्रथम सदीमां मूकी शकाय नहीं. केमके नाना घाटनो लेख ईस. पूर्वनी प्रथम सदीना उत्तरार्ध पूर्वेनो न होवानुं सिद्ध थयेल छे. अतः हाथीगुफा लेख उक्त अभिलेखथी थोडो आगळनो अथवा समकालीन होवानुं मनाय छे. अर्थात् ते ईसुनी प्रथम सदी पूर्वेनो होई शके नहि, आम खारवेलनो समय ईसुनी प्रथम सदी निश्चित थाय छे. तो मंचपुरी गुफामां खारवेलनी राणीनो ओक अभिलेख अंकित छे जे भरहुत शिल्पो (ई.पू. प्रथम सदीनो पूर्वार्ध) पछीनो छे. आगळ नोंध्युं ओ मुजब आ अभिलेख खारवेलना जीवन प्रशासन दर्शावतो अक मात्र अभिलेख छे. सामान्य रीते अभिलेखोमां सम्बन्धितना पूर्वजोनी कीर्तिनुं गान थतुं होय छे पण अहीं अq नथी. आमां मात्र खारवेलना निजी जीवन अने प्रशासनकार्यो ज वर्णित छे. प्रारम्भनी २-३ पंक्तिमां तेना जीवन विषे माहिती छे : २४ वर्षे राज्यगादी संभाळीओ पूर्वे प्रारम्भना १५ (पंदर) वर्ष खेलकूदाळां, त्यार पछीना युवराज तरीकेना ९ (नव) वर्ष लेख (लखवू- अथवा शासन जाणकार), रूप (सिक्का अर्थात् हिसाब) गणना (गणित), व्यवहार (आचरण शास्त्र) विधि (कायदो-कानून) व. उपरांत सर्व विद्याओमां पारंगत थयो. आ पछी २४ वर्षे राज्यधुरा संभाळ्या बादना १३ (तेर) वर्षनां प्रशासन कार्योनुं निरूपण छे. २४४ना वर्षे राज्याभिषेक बाद प्रथम वर्षे ओमणे तोफानना कारणे नष्ट-भ्रष्ट थइ गयेल नगरनुं प्रमुख द्वार, अनेक इमारतो तेमज किल्लानी मरम्मत उपरांत राजधानीमां ऋषिखिवीर नामनुं सरोवर उपरांत सुन्दर बगीचाओ उपवनो

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