Book Title: Kharvel no Hathigufa Abhilekh Author(s): Hasmukh Vyas Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 1
________________ फेब्रुआरी २०११ १३३ खारवेलनो हाथीगुफा - अभिलेख (जैन धर्मनो उल्लेख करतो प्राचीनतम अभिलेख) डॉ. हसमुख व्यास इतिहासना मूळ साधन (स्रोत) तरीके अभिलेखो, सविशेष महत्त्व छे. आम तो, प्राचीनकाळथी लाकडं, (पक्व) माटी; तांबु, पत्थर व. नो अभिलेख माटे उपयोग थतो-थयो छे. परंतु पथ्थर तेना टकाउपणाने कारणे सौथी वधु उपयोगमां लेवायेल छे. अनेक प्राचीन राजवंशो, तेनो समयप्रशासनकाळ; तेमज तत्कालीन राजकीय-सामाजिक-धार्मिक तेमज सांस्कृतिक व. बाबतोनी चोक्कस जाणकारी आनाथी थई शके-शकी छे. प्राचीन भारतीय इतिहासना पुनरालेखनमा अभिलेखो सविशेष मददरूप बनेल छे. आवा ज ओक ऐतिहासिक महत्त्व धरावता शिलालेख विषे लखवानो प्रस्तुत उपक्रम छे- ते छे हाथीगुफानो खारवेलनो शिलालेख. वर्तमान ओरिस्सा (प्राचीन मौर्यकालीन कलिंग) राज्यनी राजधानी भुवनेश्वरथी पश्चिममां आशरे दश की.मी.ना अन्तरे उदयगिरि अने खण्डगिरि सुप्रसिद्ध गुफाओ आवेली छे. रस्तानी बन्ने बाजु आवेली आ गुफाओमां रस्तानी जमणी बाजु उदयगिरिनी अने डाबी बाजु खण्डगिरिनी गुफाओ छे. उदयगिरिनी प्रख्यात गुफाओमां स्वर्गपुरीनी गुफा, राणीगुफा, गणेशगुफा, जयविजय गुफा, व्याघ्रगुफा अने हाथीगुफा छे. हाथीगुफा लाल रत्तीआ पथ्थरनी ओक प्राकृतिक गुफा (५७ x २८ x १२') छे. आमां थोडो फेरफार करी तेने सभागृहमां निर्मित कराई छे. आना प्रवेशद्वारे अेक शिलालेख छ जे 'खारवेलना शिलालेख' तरीके विख्यात छे. ___मौर्य सम्राट अशोक (शासनकाळ : ई.पू. २६२-२३८)ना शासनकाळ पछीनो कलिंगनो इतिहास अनिश्चित-अन्धकारमय छे. सम्भवतः मौर्यनी अवनतिनो लाभ उठावी तेना शक्तिशाली सेनानायक-पदाधिकारीओओ कोई स्वतन्त्र राज्यनी स्थापना करी होय. आ वंशने प्रारम्भना ओक अभिलेखमां चेदिवंश कहेल छे. प्रस्तुत वंश साथे सम्बन्धित खारवेल अने तेना जीवन प्रशासन सन्दर्भ अंक मात्र अभिलेख मळेल छ - हाथीगुफानो. आ अभिलेखमां ज खारवेल पोताने राजर्षिPage Navigation
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