Book Title: Khartarvaccha Sahitya Suchi
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Z_Manidhari_Jinchandrasuri_Ashtam_Shatabdi_Smruti_Granth_012019.pdf
View full book text ________________
६ गुरुपर्वक्रम
१७वीं १७वीं १८वों
१७वीं
५ गुरुपट्टावली गणविन योपाध्याय Pा. जयसोम
अ० जयसोमोपाध्याय
अ० केशिरिया जोधपुर, पूना ७ पट्टावलो राजलाभ P/. राजहर्ष
अ० ८ बच्छावत वंशावली समयसुन्दरोपाध्याय लि.
अ० विनय २५६ ६ महाजनवंश मुक्तावली ऋद्विसार (रामलाल) P). कुशलनिधान १९६० मु० १० वर्द्धमानसूरि आदि प्राकृत प्रबन्ध राजहंस P/. हर्षतिलक, लघु खरतर १६वीं म०
गुर्वावली गीतादि ११ खरतरगच्छगुर्वावली (गुरुपरम्परा गीत) गुणविनयोपाध्याय P/. जयसोम १५वीं अ० पद्य३१ प्रणमुपहिली श्रीवर्द्धमान' १२ खरतरगच्छ पट्टावली (खरतर गुर्वावली) सोमकुंजर
१५वीं मु० 'धण धण जिनशाशन' प० ३० १३ खरतर गुरु गुणवर्णन छप्पय अभय तिलकोपाध्याय, आदि १४वी १५वीं मु०'सो गुरु सुगुरु जु छविह जीव' १४ खरतर गुरुप् ट्टावली समय सुन्दरोपाध्याय F/. सकलचन्द १७वीं मु० प्रणमी वीर जिनेश्वर' ८ १५ गुर्वावली
चारित्रसिंह P/. मतिभद्र १७वीं मु० सिवसुखकर रे पास जिनेसर'प०२१ १६ गुर्वावली
नयरंग
१७वीं मु० भारति भगवति रे तुं वसि मुखकजे' प० ४ १७ गुर्वावली गीत
समयसुन्दरोपाध्याय P/. सकलचन्द्र १७वीं मु० उद्योतन वर्द्धमान जिणेसर'३ १८ गुर्वावली फाग
खेनहंस
१६वीं मु. पणमवि केवललच्छिवर १६ १६ गुर्वावली रेलुआ सोममूत्ति P/. जिनेश्व रसूरि १४वीं म. अभय २० जिनप्रभसूरि परम्परा गुर्वावली
.. १५वीं मु० 'वंदे सुहम्म सामि' १४ २१ पिप्पलक खरतर पट्टावली चौपई राजसुन्दर P). जिनचन्द्रसूरि पिप्पलक १६६६ मु० 'समरु सरसति गौतम पाय' १६ २२ बेगड खरतरगच्छ गुर्वावली
म० 'पणमिय वीर जिनंदचन्द'७ २३ सुगुरु वंशावली कुशलधीर P/. कल्याणलाभ १७वीं मु० 'भट्टारक जिनभद्र खरउ' २
योग १ ध्यानशतक बालावबोध सुगनचन्द्र P/. जयरंग १७३६ जैसलमेर अ० सूर्यमल यति संग्रह, जैनरत्नपुस्तकालय २ योगप्रकाश बालावबोध मेरुसुन्दरोपाध्याय P/. रत्नमू ति १६वीं अ० उ० जैन गू० क० . ३ योगशास्त्र बालावबोध (हेमचन्द्रीय) :, ,,
अ० महिमा बीकानेर ४ , स्तबक शिवनिधानोपाध्याय १७वीं अ० तपा भण्डार जेसलमेर
दर्शन १ प्रमाण प्रकाश देवभद्रसूरि P/. प्रसन्नचन्द्राचार्य सुमतिवाचक १२वीं मु० २ प्रमालक्ष्म स्वोपज्ञ टीकासह जिनेश्वरसूरि P). वर्द्धमानसूरि
११वीं मु. ३ षड्दर्शन स० टीका (हरि०) सोमतिलकसूरि P/.संघतिलकसूरिरुद्रपल्लीय १३६२ आदित्यवर्द्धनपुर मु० राप्राविप्र० जोधपुर ४ षड्दर्शनसमुच्चय (हरि०) बालावबोध कस्तूरचन्द्र
१८६४ बीकानेर अ० मुकनजी बीकानेर ५ स्याद्वादपुष्पकलिका प्रकाश स्वोपज्ञटीकासह चारित्रनन्दी १६१४ अ० सिद्धोत्र साहित्यमदिर पालीतापा
१६वीं
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72