Book Title: Ketlik Futkal Krutio
Author(s): Rasila Kadia
Publisher: ZZ_Anusandhan

View full book text
Previous | Next

Page 1
________________ ३६ अनुसन्धान-५७ केटलीक फूटकळ कृतिओ - रसीला कडीआ सात आठ वर्ष पहेलां इन्डोलोजी (अमदावाद)मां जती त्यारे श्री लक्ष्मणभाई भोजके मने फुटकळ प्रतोना ढगलाने व्यवस्थित करतां करतां, केटलीक प्रतो उकेलवा आपेली. परन्तु, ते ओवी तो गेरवल्ले मूकाई गयेली के छेक हवे हाथ लागी. अधूरु रहेलु काम पूरुं कर्यु. अहीं ओक लांबी प्रत छोडीने बाकीनी प्रस्तुत छे. प्रतोने नम्बरो में आप्या छे. वळी, 'ष'नो ज्यां ख थतो होय त्यां 'ख' करी दीधो छे.. आ रचनानी बे प्रतो मळी छे तेथी अमां बीजी प्रतना पाठभेद नीचे मूकेला छे अने कृतिमां ते पाठ अधोरेखा साथे मूकेल छे. श्री हस्तिश्री (हसतीश्री)ना शिष्य जडावश्रीजीओ आ रचना करी छे. आमां कोठारीपोळमांना श्री आदिजिन- स्तवन करवामां आव्युं छे. स्थळनिर्देश थयो नथी परन्तु, उपरना माळे सुविधिनाथ बिराजे छे अने श्री आदिनाथ भोंयरामां छे ते विगतोल्लेख प्रायः अमदावादना वाघणपोळ (कोठारीपोळ ओक समये मोटो विस्तार हतो अने वाघणपोळ तेनो ओक भाग हतो.)मां आवेल आदीश्वरना देरासरने सूचवे छे. वळी, त्यां नगारां राखवामां आवता हता अने प्रहर दरम्यान तथा आरती वखते वागता में सांभळ्या छे. स्तवनमां सरखी सहियरो मळीने, भवसागरने तरवा, शिवसुखने वरवा माटे स्नात्र पूजा करी रहेली वर्णवी छे. प्रस्तुत रचना शेठ बलुभाईनी छे. अमां श्री मुनिसुव्रतनाथनी स्तवना करवामां आवी छे. पद्मावती माता अने सुमित्रराय पिताना पुत्र छे. साठ जोजन कापीने, (अने ते पण ओक ज रातमां) भरुच गामनी भागोळे आवीने समवसरणमां अश्वने प्रतिबोध पमाडेलो. अश्व अनशन करी देवलोक गयेलो. वळी, गौतमगोत्री घणाने पोतानी पेठे केवलज्ञान पमाडी, मोक्षे मोकल्यां छे. तो पछी मने आप शा माटे विसरी जाव छो ? मारी - तमारी प्रीत पुराणी

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7