Book Title: Karm Siddhant evam Aatmik Vikas ke Vibhinna Aayam
Author(s): Ajit Prakash Jain
Publisher: Ajit Prakash Jain

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Page 17
________________ गुणस्थान आत्मिक विकास के सौपान (CHRONOLOGY OF SPIRITUAL DEVELOPMENT) सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्राणि मोक्षमार्ग : ( 1 ) तत्वार्थ सूत्र । Right/firm belief, right knowledge & right conduct these together constitute the path of liberation. सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् चारित्र रुप मोक्षमार्ग मिथ्यादर्शन, मिथ्याज्ञान, मिथ्याचारित्र रुप संसार मार्ग (मिथ्या-त्रय) अंनत सुख, अंनत वीर्य शक्ति, केवल ज्ञान, केवल | दर्शन, अव्याबाधत्व, अवगाहनत्व, सुक्ष्मत्व, स्वाभाविक अधुरूलगुत्व, क्षयोपशमिक/औपशमिक भाव जीव के उर्ध्वगमन का मार्ग शारीरिक, मानसिक, औपाधिक, आध्यात्मिक दुख, आर्तध्यान, रोद्र ध्यान, अपुर्ण दर्शन, अपुर्ण ज्ञान, | संयोगाधीन औदयिक भाव," भोगान्तराय, उपभोगान्तराय का योग जीव की अधोगति का मार्ग

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