Book Title: Kamrupa Panchashika
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 12
________________ 127. अमरबहुसिद्धजक्खसंघायं / 128. पउमरायसंफासं। 129. परिटुवह हिययचक्कमज्झम्मि / 130. ०भासो। 131. परिहरिउं सयल० / 132. जल० / 133. 0 तुहिणा। 134. 'वरिसंती चंदमंडले सयलं'। 135. चिन्तिय कंठयले यं। 136. ज्झलहलिय०। 137. पहो। 138, कोयंड मज्झिमो। 139. तह०। 140. भाविदो। 141. गणेसु। 142. ०मत्तो। 143. च। 144. पुणं नवा! 145.6162-63 गाथाः पा. न। 146. ०चंकमणं। 147. धुवे। 148. नवभेयभाव० 149. विविह० / 150. व / 151. कुणइ.। 152. तेलोय० / 153. ०यरं / 154. ठाएसु वियं / 155. एच(व)लयं भाव भाविदो०। 156. ट्ठिया / 157. ०ठिया / 158. लपिंडो। 159. ठाएसु भासीओ। 160. छटुमसरेण य। 161. नाइ० / 162. भुयमज्झे। 163. पुच्छए। 164. ०फुक्कियाए / 165. ०संजुत्तं / 166. [ ] एतदन्तर्गतं पा. प्रतावेव। 167. तह य वि० / 168. ०वाउ० / 169. ०मज्झत्थं। 170. ०सयलं / 171. वामेण / 172. वरुणं / 173. तेओ। 174. 0 गओ तह हवइ वाऊ। 175. हवइ। 176. सूर-म० | 177. पुहइ-जलेण य० / 178. जं जं सयलं च चिन्तेइ। 179. ०मारुयस्स चिंताए / 180. धाऊ। 181. लाहो। 182. [] एतदन्तर्गतपाठः पा. प्रतावेव। 183. रुद्दो। 184. '८२'तमगाथा '८४'तमगाथातः पश्चात् पा. प्रतौ। सा चेत्थं "सूरगमिए वाला घडियचउक्कमि समुहा जयइ / तह उद्धेण य वामा पुट्ठिगया जिणइ रयणीए / / 80 // " 185. प्पवाहे। 186. बाला कामंगसत्तिसाहीणा' / 187. धुवं / 188. [] एतद्गतं पा. / १८९.०संघाओ.। 190. अमय० / 191. पुरसंमि। 192. हवइ। 193. ट्ठिएसु समरं। 194. धुवं / 195. ख्विह / 196. "जीवं जिपइ सउनो'। 197. चलिओ (?) / 198. ठाणेसु। 199. [ ] एतदन्तर्गतं गाथाद्वयधिक पा. प्रतौ / 200. विजइ / 201. छित्तम्मि कुणइ पिच्छाओ। 202. ०हरो। 203. [ ] एतदन्तर्गता गाथाऽधिका पा. प्रतौ। 204. पिच्छद। 205. जीएसु / 206. गए जीए / 207. [] एतदन्तर्गतं गाथाचतुष्कं अधिकं पा प्रतौ। 208. नेयं गाथा पा. प्रतौ। 209. कामरूयपंचासिया सम्मत्ता / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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