Book Title: Kalyankarak
Author(s): Ugradityacharya, Vardhaman Parshwanath Shastri
Publisher: Govind Raoji Doshi Solapur

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Page 899
________________ Jain Education International - Promo For Private & Personal Use Only संस्कृत. हिंदी. मराठी. कनडो. शाभांजन (पु), सैंजिनका पेड, शेवगा. ನುಗ್ಗಿ ಮರ, शंखनाभि (पु) नाभिशंक. शंखनामि. 3०02. शंखिनी (स्त्री) | थोर हुली पुन्नागवृक्ष, यवेची, यवतिका, याचि, टिटवी सांखवेल . - चोरपुष्पी, शिशुपा (स्त्री) | सीम. | काळा शिसत्र. ಬೀಟಿಯ ಮರ, शुंठी (स्त्री)| सोंठ. गलशुंठीरोग, सुंठ. 8.००९. । शृंगि (पु) अतीस. अति विष. 9302, शृंगवेर (न) | अदरक, सोंठ. सुट, आले. ಖಾರ ಗೆಣಸು, ಹಸಿಸುಂಠಿ. शृंगाटक (न.पु) | सिंगाडे. | शिंगाडे. Boned. श्रवणा (स्त्री) | गोरखमुण्डी, दाधियूवृक्ष. मुडी.. 330200. (स्त्री) शारिबा, फूलप्रियंगु, बावची, श्याम | लघुनीली, गहुला, पिंपळी, मेदा, 233021, २ . पनिलर, नीलक वृक्ष, गूगला, लकड्या, पाषाण भेद, कस्तुरी, 5500 32, डू, सोमलता, भद्रमोथा, माततिण, | गुळवेल, हळद, गोरोचन, तुळस, | २०८, ९, रह गिलोय, वान्दा, कस्तूरी, वायत्री, | नीलदूर्वा, काळा पुनर्नवा,बादांगुळ पीपलाहलदी, माली, दूब, तुलसी, i काळे निशोत्तर, काळी उपलभरी, कमल गट्ठा, विधारा, कालीसार. श्वेत उपलरी, वाघांटी, काळा शिव, वधारा. ( ६१? ) e ड। - + - -+ -+-+ www.jainelibrary.org

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