________________
श्री राजगृही महातीर्थ में पर्युषण महापर्व की भव्य आराधना एवं पांचों पहाड़ पर प्रतिष्ठा की
उद्घोषणा २० वें तीर्थपति श्री मुनिसुव्रतस्वामी भगवान के चार वद-६ दिनांक २८ जनवरी, महा सुद-४ दिनांक १० फरवरी कल्याणकों की भूमि श्री राजगृही तीर्थ में श्री जैन श्वेताम्बर एव महा सुद-५ दिनांक ११ फरवरी यह मूहर्त प्रदान भण्डार तीर्थ राजगीर के तत्वावधान में जिनशासन के किए। राजगीर के राष्ट्रपति पुरुस्कार प्राप्त डा. जयनन्दन पाण्डेय महानज्योतिर्धर पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी द्वारा संस्कृत भाषा में लिखित गुणाभिनन्दन पुष्प पू. महाराजा के समुदाय के तेजस्वीसितारे कल्याणकतीर्थोद्वारक आचार्यभगवंत के कर कमलों में अर्पित किया गया । पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय जयकुंजरसूरीश्वरजी म. पू. महापर्व दौरान मासक्षण-३ सिद्धीतप-३, भद्रतप-१, आचार्यदेव श्रीमद् विजय मुक्तिप्रभसूरीश्वरजी म. पू. उपाध्याय अट्ठाई-६० चौसठप्रहरी पोषद-७०, संवत्सरी के दिन २५० श्री अक्षयविजयजी गणिवर ठाणा-१२ एवं पू. साध्वीजी श्री पौषध, अट्ठमतप-८० आदि अनेक तपस्यायें हुई। भादरवा हंसप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा-४ की निश्रा में श्री राजगृही सुद-५ के दिन सुबह में रथयात्रा सह तपस्वीयों का भव्य चार्तुमास आराधक समिति द्वारा आयोजित २ महिना का वरघोडा धूमधाम से निकला। सामुदायिक चातुर्मास पर्युषण महापर्व की आराधना के साथ चातुर्मास आराधको को श्री सम्मेतशिखरजी तीर्थ सोल्लास सम्पन्न हुआ।
पंचतीर्थ यात्रा चातुर्मास समिति द्वारा कराई गई । श्री राजगृही ___इस चातुर्मास दौरान हुई अनेकविध आराधना एवं तीर्थ में पू. आचार्यभगवंतो की निश्रा में बहुत सालों के बाद तपस्या की अनुमोदनार्थ पर्युषण पर्व के पूर्व ही भव्य सम्पन्न इस चातुर्मास के सफल आयोजन में श्री जैन श्वेताम्बर पंचान्हिक महोत्सव मनाया गया । पर्युषण महापर्व दौरान पू. भण्डार तीर्थ-राजा गीर ट्रस्टमंडल, महाप्रबंधक श्री जयंतिलाल आचार्य भगवंत पू. उपाध्यायभगवंत एवं पू. मु. श्री जैन, चातुर्मास समिति के सूत्रधार श्री माणेकचंदजी संघवी पुण्यरक्षितविजयजी म. ने अष्टान्हिका प्रवचन फरमाये । कोल्हापुर आदि का अपूर्व योगदान रहा । इस चातुर्मास दौरान महापर्व दौरान राजगिरी के विशिष्ट अतिथिगण चातुर्मास के प्रभुभक्ति अनुष्ठानों एवं मंच संचालन में श्री अरविंदभाई मुख्य लामार्थीगण, श्री जैन श्वेताम्बर भंडारतीर्थ राजगीर के चौरडिया इन्दौरवालों ने अच्छा माहौल जमाया । अध्यक्ष श्री सुरेशचन्द्र कोठारी, मंत्री श्री रंजनकुमार का पू. आचार्यभगवंतों की निश्रा में पावापुरी समवसरण चातुर्मास समिति की गोत बहुमान किया गया। मंदिर तीर्थ में आसोज मास की शाश्वती नवपद ओली का
साथ ही संस्था के महाप्रबंधक श्री जयन्तीलाल जैन, सामुदायिक आयोजन सांचोर राजस्थान निवासी शा. आशमलजी एकाउन्टेन्ट श्री सुरेन्द्रकुमार जैन एवं पूरे स्थायी एवं अस्थायी गुणेशमलजी संघवी परिवार की ओर से होगा । तत्पश्चात् श्री स्यफ का भी बहुमान किया गया।
जैन श्वेताम्बर समवसरण तीर्थ में दीपावली पर्व के उपलक्ष्य शासनप्रभावक उभय पू. आचार्यभगवंतो के सदुपदेश में सामदायिक छठ तप की भव्य आराधना एवं वीरनिर्वाण एवं मार्गदर्शन से राजगृही के पांचो पहाड़ों के जिनमंदिर महोत्सव सम्पन्न होगा। श्री जैन श्वेताम्बर भण्डार तीर्थ पावापरी जिर्णोद्धार का काम अच्छी तरह चल रहा है इन सभी द्वारा गाँव मंदिर में भी अष्टाहिनक वीरनिर्वाण महोत्सव धूमधाम जिनमंदिरों की पुनः प्रतिष्ठा एवं अंजनशलाका के लिए भादरवा से मनाया जायेगा। महोत्सव अंतर्गत श्री राजगही चातुर्मास सद-१ वीरजन्मवांचन के मंगल दिन श्री जैन श्वेताम्बर तीर्थ आराधक समिति द्वारा श्री जैन श्वेताम्बर भण्डार तीर्थ टस्ट ट्रस्ट की ओर से अध्यक्ष श्री सुरेशचन्द्र कोठारी एवं मंत्री श्री
श्रा पावापुरी एवं श्री समवसरण तीर्थ ट्रस्ट पावापुरी का बहुमान
। रंजनकुमारीजी जैन आदि समस्त ट्रस्टीगण ने पू. आचार्यभगवंत
किया जायेगा।
- को मुहूर्तप्रदान करने के लिए आग्रहपूर्ण विनंति की। जिसके
दीपावली के पश्चात् पू. आचार्य भगवंतो राजगृही तीर्थ प्रत्युत्तर में पू. आचार्यभगवंत को मुहूर्तप्रदान करने के लिए
ए में पधारेगें । चातुर्मास पूर्णाहूति राजगीरी ती 4 में सम्पन्न होगी। आग्रहपूर्ण विनंति की। जिसके प्रत्युत्तर में पू. आचार्यश्री ने
सचमुच कहा जाय तो राजगृही तीर्थ के इतिहास में यह अंजनशलाका के लिए वि.स. २०६४ पौष सुद-१२ एवं पांचो ।
चातुर्मास स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। पहाड़ों की प्रतिष्ठा हेतु पोषवद-१ (दिनांक २३ फरवरी) पोष
... D८ : स्या: E४/9, मोरोबर २००७, २०30