Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 7
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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देशी भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट-२ औपदेशिक पद, मु. ज्ञानसार, पुहिं., गा. ४, पद्य, मूपू., (मरणा तो आया माया), २८१८०-१९ औपदेशिक पद, मु. ज्ञानसार, पुहिं, गा ३, पद्य, मूपु., ( ललना ललचावै बाइ मोने) २८१८०-४२ औपदेशिक पद, मु. ज्ञानसार, पुहिं., गा. ६, पद्य, मूपू., (साधो भाइ जब हम भए), २८१८०-६ औपदेशिक पद, मु. ज्ञानसार, पुहिं, गा ५, पद्य, मूपू., (साधो भाई आतम खेल ), २८१८०-९ औपदेशिक पद, मु. ज्ञानसार, पुहिं., गा. ३, पद्य, मूपू., (साधो भाई ऐसा योग), २८१८०-२ औपदेशिक पद, मु. ज्ञानसार, पुहिं., गा. ६, पद्य, मूपू., (साधो भाई जग करता कहि), २८१८०-५ औपदेशिक पद, मु. ज्ञानसार, पुहिं., गा. १४, पद्य, मूपू., (साधो भाई निहचै खेल), २८१८०-७ औपदेशिक पद, मु. ज्ञानसार, पुहिं., गा. २, पद्य, मूपू., (साधौ भाइ आतम भाव), २८१८०-८ औपदेशिक पद, तुलसीदास, मा.गु., गा. ४, पद्य, वै., (लीच्यो टबरो रामरस को), २८१२७-१२ (+) औपदेशिक पद, मु. देवा, पुहिं., गा. १०, पद्य, श्वे., (जीवा चेतोजी थे नरभौ), २८२७२-१२६ औपदेशिक पद, मु. देवीचंद, मा.गु., पद. ४, पद्य, श्वे., (करम सतु मारो कांई), २८१०१ -२५ () औपदेशिक पद, मु. दोलत, पुहिं., गा. ६, पद्य, मूपू., (चेत रे चेत अचेत होय), २८२६४-३५ औपदेशिक पद, मु. द्यानत, पुहिं., गा. ४, पद्य, मूपू., (तु तो समझ समझ रे भाई), २८२६४-३० औपदेशिक पद, मु. धनदास, पुहिं., गा. ७, पद्य, श्वे., ( बीति राति हूयो तब ), २८२७९-४ औपदेशिक पद, मु. धरमपाल, पुहिं., पद. २, पद्य, औपदेशिक पद, मु. धर्मचंद, पुहिं., गा. ४, पद्य, वे (भजते क्यो नही) २८१८५-९९ औपदेशिक पद, मु. नंदलाल शिष्य, पुहिं., गा. ४, पद्य, श्वे. (तुम सुनो मुगत का), २८१८५ - ९४ औपदेशिक पद, मु. नवल, पुहिं., गा. ४, पद्य, श्वे., ( इतने पर कीम गरूर करी), २८२६४-४३ औपदेशिक पद, मु. नवल, पुहिं., गा. ४, पद्य, श्वे., (चंतत ओर बनत कछुऊ रही), २८२७२-१३४ औपदेशिक पद, मु. नवल, पुहिं. गा. ३, पद्य, मूपु., (लगजा प्रभु चरणे सेती), २८२७२-१२९ २९२३४-७ औपदेशिक पद, नानक, पुहिं., गा. ७, पद्य, (कासी गया वृंदावन गया), २८१८५-१०६
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( अटक्यो मेरो मन अटक्य), २८१०५-२७
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औपदेशिक पद, मु. नारायण, मा.गु., गा. ३, पद्य, श्वे., (जगत मैं किणसुं करियै), २८१६०-२५ (+#) औपदेशिक पद, मु. निहाल, पुहि., पद. २, पद्य, वे., ( अब तो लम्बाजी हद मन), २८१०५-२८ औपदेशिक पद, नेहलाल, पुहिं., गा. ४, पद्य, जै. ?, ( मन लगा लगा प्रभु समर), २७०३४-२५ (+) औपदेशिक पद, न्यामत, पुहिं., गा. ३, पद्य, ओ., ( क्या सोवा तु मोहनींद), २८१८५-१०३ औपदेशिक पद, मु. पद्मकुमार, पुहिं., गा. ४, पद्य, श्वे., (सुणि सुणि जीवडा), २८१२९-९५(+) औपदेशिक पद, फकीरा, पुहिं., गा. ८, पद्य, (कछु लेना न देना मगन), २८१८५-६९
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औपदेशिक पद, जै.क. बनारसीदास, पुहिं., गा. ४, पद्य, दि., (चेतन तूं तिहुं काल), २८१२९ - १०३(+), २८१६०-२३(+#) औपदेशिक पद, श्राव. बनारसीदास, पुहिं., गा. ४, पद्य, दि., (चेतन नैकु न तोहि), २८२७२-३१ औपदेशिक पद, श्राव. बनारसीदास, पुहिं, गा. ३, पद्य, दि., (तुं भ्रम भुलत रे), २८२७२- १५५
औपदेशिक पद, जै.क. बनारसीदास, पुहिं., गा. २, पद्य, दि., (तूं भ्रम भूलि नरे), २८१२९ - १०२ (+)
औपदेशिक पद, श्राव. बनारसीदास, पुहिं., गा. ८, पद्य, दि., (देखो भाई महाविकल), २८१६० -५९(+#), २८३०८ औपदेशिक पद, श्राव. बनारसीदास, पुहिं., गा. ८, पद्य, दि., (या चेतन की सब सुद्ध), २८१६०-२२ (+ औपदेशिक पद, भूधर, पुहिं, गा. ७, पद्य, वे, (उस मारग मत जाय रे नर), २८१०५-८१ औपदेशिक पद, मु. भूधर, पुहिं., गा. ५, पद्य, श्वे., (धरम माणें जीवहिंसा), २८२६४-६३ औपदेशिक पद, मु. भूधर, पुहिं., गा. ४, पद्य, श्वे., (मारै गुरां दीनो माने), २८५१६-७ औपदेशिक पद, मनसूर, पुहिं. गा. ७, पद्य, (--), २८८७८-१६०) औपदेशिक पद, महमद, मा.गु., गा. १०, पद्य, (कुंभ काचो रे कावा), २९१४८- २) औपदेशिक पद, मु. मान, मा.गु., गा. ५, पद्य, मूपू., (जाग जाग जाग जाग रे ), २८१५९-६, २९२३२-४ औपदेशिक पद, मु. रतनचंद, पुहिं., गा. ६, पद्य, मूपू., ( मानव को भव पायके मत), २८२२६-२३
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