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अनुक्रमणिका
मंगलकामना...
समर्पण ............
प्रकाशकीय ..........
प्राक्कथन .....
.............11-12
कैलास श्रुतसागर सूची प्रकाशन की रूपरेखा .. ..................................
..5-6 प्रस्तुत हस्तप्रत सूचीगत सूचनाओं का स्पष्टीकरण .........
.....6-9 हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य ......
............10 प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत .. अनुक्रमणिका .....
................. 13 हस्तप्रत सूची...
.........1-474 परिशिष्टः कृति परिवार की मूल कृति के अकारादि क्रम से - परिचय... ...........475-477 १. कृति नाम से प्रत-पेटा कृति क्रमांक सूची (संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंशादि)...
.478-531 २. कृति नाम से प्रत-पेटा कृति क्रमांक सूची (मा.गु., प्राचीन हिन्दी, राजस्थानी आदि).
532-590
प्रस्तुत सूची पत्र में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. ० प्रत क्रमांक - १७३०१ से २१०००. ० इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किए जाने के कारण वास्तविक रूप से २७०१
प्रतों का समावेश इस खंड में हुआ है. ० समाविष्ट प्रतों में कुल २३२० कृति परिवारों का समावेश हुआ है. ० इन परिवारों की कुल ३००२ कृतियों का समावेश हुआ है. 0 उपरोक्त कृतियाँ प्रतों में कुल ५६८३ बार आई हैं.
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