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पठ.
पद्य. पा.
पु.हिं.
पे.वि.
प्रा.
म.
पठनार्थ जिस के पढने हेतु प्रत लिखी या लिखवाई गई हो. (प्र.ले.पु.विद्वान) प+ग पद्य व गद्य संयुक्त (कृति प्रकार)
पद्य बद्ध (कृति प्रकार) पाठक (विद्वान स्वरूप) पंजाबी (भाषा) पंन्यास, पंडित (विद्वान स्वरूप)
पुरानी हिंदी (भाषा) पू.वि. पूर्णता विशेष (प्रत माहिती स्तर)
पृष्ठ (प्रत माहिती स्तर पर व पेटाकृति स्तर पर) पे.नाम.
पेटाकृति नाम
पेटाकृति विशेष प्र.वि. प्रत विशेष, कृति प्रतिलेखन विशेष. प्रले. प्रतिलेखक, लहिया, Scribe (प्रतिलेखन पुष्पिका) प्र.ले.पु. प्रतिलेखन पुष्पिका की प्रत/पेटाकृति/कृति प्रतिलेखन के अंत में 'सामान्य, मध्यम' आदि उपलब्धि सूचक. प्र.ले.श्लो. प्रत, पेटाकृति व कृति प्रतिलेखन के अंत में प्रतिलेखक द्वारा लिखित प्रतिलेखन श्लोक (जलात् रक्षेत्... इत्यादि)
प्राकृत (भाषा) प्रतलेखन प्रेरक. (प्र. ले. पु. विद्वान) बौद्ध कृति (कृति परिशिष्ट)
मराठी (भाषा) मा.गु.
मारुगुर्जर (भाषा)
मुनि (विद्वान स्वरूप) मूपू.
जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक कृति (कृति परिशिष्ट) यं. यंत्र (कृति स्वरूप) रा. राजा (विद्वान स्वरूप)
राजस्थानी (भाषा) राज्यकाल जिस राजा के राज्य शासनकाल में प्रत लिखी गई हो. राज्ये. जिस विद्वान के गच्छनायकत्व में प्रत लिखी या लिखवाई गई हो. लिख. प्रत लिखवाने वाला. (प्र.ले.पु. विद्वान) ले.स्थल. लेखन स्थल (प्रतिलेखन पुष्पिका)
वाचक (विद्वान स्वरूप) वी. वर्ष संख्या के पूर्व होने पर वीर संवत यथा वी. २०००. वर्ष संख्या पश्चात् होने पर 'वीं सदी' यथा- ८वीं सदी. वि. विक्रम संवत् (वर्ष माहिती), कृति प्रतिलेखन विशेष.
विक्रेता - प्रत का. (प्र.ले.पु.विद्वान) व्याप. व्याख्याने पठित -विद्वान द्वारा. (प्र.ले.पु.विद्वान)
वैदिक कृति. (कृति परिशिष्ट) शक संवत् (वर्ष माहिती) श्रावक (विद्वान स्वरूप) जो किसी विद्वान के व्याख्यान में श्रुत-श्रोता द्वारा. (प्र.ले.पु.विद्वान) जैन श्वेतांबर कृति (कृति परिशिष्ट) संस्कृत (भाषा)
समर्पक. विद्वान या ज्ञानभंडारों को समर्पित करने वाला. सा. साध्वीजी (विद्वान स्वरूप)
जैन श्वेतांबर स्थानकवासी (कृति परिशिष्ट) हिंदी (भाषा)
वा.
विक्र.
श्राव.
स्था.
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