Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 25
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट-१ पार्श्वजिन स्तव फलवर्द्धि, आ. जिनदत्तसूरि, प्रा. गा. ३, पद्य, मृपू., (ॐ नमो हरउ जरं मम हरो) ११००२२-१ पार्श्वजिन स्तव-स्तंभन मंत्रगर्भित, ग. पूर्णकलश, प्रा. सं., गा. ३७, वि. १४वी, पद्य, मूपू., (जसु सासणदेवि वएसकया), १०८०७२-१(+), १०८७६९ (+१६), ११०९५३(क
(२) पार्श्वजिन स्तव-स्तंभन मंत्रगर्भित स्वोपज्ञ वृत्ति, ग. पूर्णकलश, से. गद्य, मूपू, (जं संथवर्ण विहिव तस्स) १०८०७२-१(+)
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(२) पार्श्वजिन स्तव-स्तंभन मंत्रगर्भित अवचूरि, सं., गद्य, मूपू., (जं संथवणं विहिअ तसे), १०८७६९(+#$) पार्श्वजिन स्तुति, मु. कुशल, सं., श्लो. ४, पद्य, मूपू., (द्वे द्वे कि धपमप), १०९४११-१(+), ११४०३०(०) पार्श्वजिन स्तुति, आ. जिनचंद्रसूरि, सं., श्लो. ७, पद्य, मूपू., (त्रिभुवनजनतारणगुण), ११३३३५-१(+) पार्श्वजिन स्तुति, सं., श्लो. ४, पद्य, मृपू. (अमरगिरिशिरस्थस्कार), १०७६५२-१ पार्श्वजिन स्तुति, सं., श्लो. ४, पद्य, मूपू (निधिमितकरमानं), १०८३७६- १(क) पार्श्वजिन स्तुति, सं., पद्य, भूपू (प्रणत विबुधनाथ), ११३०१२-३(३)
पार्श्वजिन स्तुति, सं., श्लो. २, पद्य, मूपू पार्श्वजिन स्तुति, सं., श्लो. १, पद्य, मूपू पार्श्वजिन स्तुति, सं., श्लो. ४, पद्य, मूपू. (स्तवीम्यहं पार्श्वजिनं). ११३६७५-२(+)
(यः संसार विगाहमान), १०६५३८-६ (सुप्रभातं सुदिवस), १०८३७६-३(4)
पार्श्वजिन स्तुति-नाटिकाबंध, आ जिनकुशलसूरि, सं., श्लो. ४, पद्य, मूपू (हें हैं कि धप), १०९६३८-१ (+४), ११०७५४-२(४),
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११२९९५-२, ११२८५५-११
पार्श्वजिन स्तुति -पलांकित जेसलमेरमंडन, सं., श्लो. ४, पद्य, मूपू. ( शमदमोत्तमवस्तुमहापणं), ११०००४-५ (+)
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पार्श्वजिन स्तुति प्रार्थना संग्रह, भिन्न भिन्न कर्तृक, सं., श्लो. १०, पद्य, मूपू. (पार्श्वनाथ नमस्तुभ्य), ११९१३६-१ पार्श्वजिन स्तुति समवसरणभावगर्भित, आ. जिनकुशलसूरि, सं., श्लो. ४, पद्य, मूपू. (हर्षनतासुरनिर्जरलोकं), ११२९९५-३ पार्श्वजिन स्तुति-स्नातस्यापादपूर्ति, मु. उदयविजय, सं., श्लो. ४, पद्य, मूपू., (स्नातस्याप्रतिमस्य), १०८६६३-१ पार्श्वजिन स्तोत्र, मु. जयसागर सं., श्लो. ५, पद्य, मूपू., (धर्ममहारथसारथिसारं), ११०००४-१० (+) पार्श्वजिन स्तोत्र, आ. जिनकुशलसूरि, सं., श्लो. ५, पद्य, म्पू, (ॐ ह्रीं श्रीं धरणो ), ११३०९९-३(+) पार्श्वजिन स्तोत्र, आ. जिनदत्तसूरि, प्रा., गा. १४, पद्य, मूपु., (सिन्धमवहरउ विग्धं) १०९७६५-२(६०) (२) पार्श्वजिन स्तोत्र-टबार्थ, मा.गु., गद्य, मूपू., (शीघ्र अपरउपरहारकरउ), १०९७६५-२(+#) पार्श्वजिन स्तोत्र, आ. शिवनाग, सं., श्लो. ३९, पद्य, भूपू (धरणोरगेंद्र सुरपति), ११०४७३-२ (०) पार्श्वजिन स्तोत्र, सं., श्लो. ४, पद्य, मूपू., ( क्षितिमंडल मुकुटं धार्मिक), ११२८५६-२ पार्श्वजिन स्तोत्र, सं. सो. ४९, पद्य, मूपू., (पार्श्वनाथ नमस्तुभ्य), ११३८८८-३(३) श्लो. पार्श्वजिन स्तोत्र, सं., श्लो. ७, पद्य, मूपू., (प्रणमामि सदा प्रभु), ११३८९२-१(+) पार्श्वजिन स्तोत्र, सं., पद्य, मूपू., (यत्रीलच्छविरीक्षितापि), ११३८०८-२($)
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पार्श्वजिन स्तोत्र - कलिकुंड, सं., श्लो. ४, पद्य, म्पू, (ॐ ह्रीं तं नमः), १०७७२३-१(+४), १०९०३५-६(०) पार्श्वजिन स्तोत्र-गाथा १७, प्रा. सं., गा. १७, पद्य, मूपू., ( उवसग्गहरं पासं पासं), ११०१७१-४(#)
पार्श्वजिन स्तोत्र- गोडीजी आ. भावप्रभसूरि, सं., श्लो. ९, पद्य, भूपू (सकल मंगल मंजुल मालिन), १११७१२-२(३) पार्श्वजिन स्तोत्र-चिंतामणि, आ. कल्याणसागरसूरि, सं., श्लो. ११, पद्य, मूपू., (किं कर्पूरमयं सुधारस), १०८४७६-१(+),
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१०८२७४ -२, ११०२८७, १०८४१४-२ (#)
पार्श्वजिन स्तोत्र - चिंतामणि, मु. लक्ष्मीवल्लभ, सं., श्लो. १५, पद्य, मूपू. श्रीपार्थं किल चित्रसम), १०७६९७
पार्श्वजिन स्तोत्र- जीरापल्ली, सं., श्लो. ३, पद्य, भूपू (जीरापल्ली प्रभु), १११११६-६(१ पार्श्वजिन स्तोत्र - जीरापल्ली, सं., भो. ७, पद्य, म्पू. (नत्वा प्रभुपार्थ), ११३१३७-२(+)
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पार्श्वजिन स्तोत्र-जीरावला महामंत्रमय, आ. मेरुतुंगसूरि, सं., श्लो. १४, वि. १५वी, पद्य, मूपू., (ॐ नमो देवदेवाय नित्य),
११५१४४-१
पार्श्वजिन स्तोत्र नवग्रहस्तुतिगर्भित, आ. जिनप्रभसूरि, प्रा. गा. १०, वि. १४बी, पद्य, भूपू., (दोसावहारदक्खो नालिया),
११३६५३(०)
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