Book Title: Kahavali Pratham Paricched Part 02
Author(s): Kalyankirtivijay
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 370
________________ [३५३] शब्दः पृष्ठण शब्दा पृष्ठण | शब्दा पृष्ठण २८१ २९९ १०७ १७५ ३०४ झडी झणक्कार झिरिंड झोडिअ झोडिय टणटणेत * डगावेंत डाला डिक्करुअ डुवुयंत डोंगरिगा | * देक्खोहेक्का देसंतरी निक्खारण निक्खोसिय निच्छोलिय निरोव पच्छोक्कड * पच्छोपय पडलिया | * पणिया | * पलिसायंत | - पल्लावील्ली | पाणिज्य * पिक्का बोल्ला • भरोसअ भलुस्सिअ * भसरक्क भाइहंड भिडिय भिरिडिअ भिरिहिरिया भीडिअ भुंभुरभोलिया * भुरुक्काविअ भुल्ल भोलय मंकोडय मिलुप्पि मुरुक्कअ मोयरिअ ३३३ डोड ३४० २४५ ढक्कणय ढलिअ २९६ ढुक्कड पिट्टण ३४० ३४३ ३३४ पिट्ठअ पिलक * पिलुक्किय पिल्लणय * पुर्घट णालिअ * तंगणिया * तुडुक्काविअ * तुलुप्पिय 20 तुवाल ३१७ २६४ रब्बा * रीसा रोक्का लड्डु लद्दि लाहणय लुक्क-विलुक्क लोढणी पुडक्कार पेल्लक * पोद्द पोप्पय फिरंत फुक्खिय २४९ ३०४ १८२ ५१ * तोडिया तोरिज्जमाण थरथरेत थवलिया थुक्किय * थेच्चि • दंदोली दडवडेंती दडिय दुहिल्लअ * फुफुय * फूहडय फेरिअ फोडाविय | * बइसारीअ २६९ ર૭૮ ३३६ वंदुरमाला * वगवगेंत वट्टी वडवोंछय २८१ १२२ २५० | * बहुसक १७० वल्लय १७९

Loading...

Page Navigation
1 ... 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378