Book Title: Jiv Vichar Prakaran aur Gommatsara Jiva Kanda
Author(s): Ambar Jain
Publisher: Z_Jaganmohanlal_Pandit_Sadhuwad_Granth_012026.pdf

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Page 11
________________ ४ ] जीवों से सम्बन्धित विशेष विवरण शांतिसूरि ने जीव विचार प्रकरण के तीसरे अध्ययन में विभिन्न जीव जातियों से सम्बन्धित शरीर की ऊँचाई, आयु, काय स्थिति, प्राण और योनि सम्बन्धी विवरण दिये हैं । इन्हें सारणी ५ में दिया गया है । यह वर्णन अनुयोग द्वार, मार्गणा या गुणस्थान-आधारित नहीं है । १. एकेन्द्रिय पृथ्वी जल० वायु० तेज० प्रत्येक वन० साधारण वन० २. दो इन्द्रिय ३. तीन इन्द्रिय ४. चार इन्द्रिय ५. पाँच इन्द्रिय तियंच मनुष्य संमूर्छन ६. देव ७. नारक योग भेद - प्रभेद जीवि० जीकां० २२ ४२ २ २ Jain Education International २ ३ ३ ३४ ९ २ २ ९८ सारणी ५ : जीव-सम्बन्धी विवरण प्राण योनि कुल लाख जन्म १०१२ ७ सं० २२ ૪ ६ ७ ८ ९, १० १० १० ७ ७ ७ १० १४ २ २ २ ?? " "" " " ,, जीवविचार प्रकरण और गोम्मटसार जीवकांड २६३ " 71 ८७ ७ ३ २८ ७ ८ ९ ४ सं०ग० ४३५ १४ सं० ० १२ ४ उपवाद २६ ४ उपवाद २५ ८४ लाख शरीर- ऊंचाई ज० ज० ३०, वर्ष घनांगुल / असं. १००० यो० अंतर्मु० २२,००० ७००० 31 " "" घ० / सं० घनांगुल घ० x सं० घ० X सं० २ For Private & Personal Use Only १९७.५×१०१२ उ० १२ यो० ३/४ यो० १ यो० १००० यो० आयु १०,००० वर्ष , 31 " " 21 19 अंतर्मु० ३००० १२ घण्टे १०,००० १०,००० ४९ दिन ६ मास कोटिपूर्व उ० प० ३२ सिद्ध जीवों का विवरण ग्रन्थ के दूसरे अध्याय में कर्म मल को पूर्णतः नष्ट करने वाले सिद्ध जीवों के पन्द्रह भेद बताये गये हैं— तीर्थंकर सिद्ध, केवलिसिद्ध, स्वलिंग सिद्ध, अन्यलिगसिद्ध पुरुषलिंगसिद्ध, स्त्रीलिंगसिद्ध, नपुंसकलिंगसिद्ध, गृहलिंगसिद्ध, अत्तीर्थसिद्ध, प्रत्येक बुद्ध सिद्ध, स्वयं बुद्ध सिद्ध, एक सिद्ध, अनेक सिद्ध, बुद्ध बोधित सिद्ध एवं तीर्थसिद्ध | दिगम्बर परम्परा में ये भेद नहीं माने जाते । इनमें अनेक भेद उनके सिद्धान्तों के अनुकूल भी नहीं हैं । इसका विवरण प्रज्ञापना में आया है । सिद्धों में देह, आयु, प्राण, योनि नहीं होते । जीवकाण्ड की विषयवस्तु : जीवों के भेद-प्रभेद अंतर्मु● ३३ सा० ३३ सा० शांतिसूरि के समान ही नेमचन्द्राचार्य ने भी जोवों के भेद-प्रभेद बताते हुए उनके एक से दस तक, चौदह, उन्नीस, सत्तावन और अट्ठानवें भेद कहे हैं । इन्हें वे जोव समास कहते हैं । इनका वर्णन निम्न प्रकार है : www.jainelibrary.org

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