Book Title: Jinpooja Vidhi madhyakalin Vidhan
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 9
________________ 40 अनुसंधान-२२ निर्माल्य/निर्माल गई कालनी पूजा- वासी पूजानो उतारो यतना जीवहिंसा न थाय तेनी चीवट पषाल प्रक्षालन पनालीइ प्रणाळ-नीकवाळो वालाकूची सुगंधी वाळानी जूडी आंगलूहणा अंग लूछवानां वस्त्र सुहाली भेरवना सषर/सपर सुंदर/सुपेरे निरवद्य भूमिका निर्जीव धरती उलंडाई ओळंगाय कुंथुआ झीणी जीवात फूलि फूग भावि जाणी बूझीने आशातना दोष/पाप भणीइ भणीए/बोलीए षणीय खोतरीए-खंजवाळीए सृष्टिपूजा प्रभुने जमणेथी डाबे पूजा पासानी पाषाणनी(?) मंगलेवु मंगलदीवो भंडारि मूंकीइं पैसा मूकवा हाथा हाथना थापा तुंदुल चोखा-अक्षत डालरि वासण विशेष(?) सूंडली-टोपली-(म.गु.श.को.) तालजोडु पंखो(?) . गाठीउ उरसीउ घसवानो पत्थर-ओरसियो थांट --टाट (तासक)(?) पषाल लूंहणुं- भोयलूछणु नेवानि टुकडो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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