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सदलगा में महावीर जयन्ती एवं कल्याणोदय गोशाला का उद्घाटन सम्पन्न
दया के देवता, अहिंसा के अवतारी भगवान महावीर स्वामी के पावन जन्म कल्याणक दिवस (७ अप्रैल २००९) पर 'कल्याणोदय गोशाला' का उद्घाटन कर एक अतिविशिष्ट कार्य सम्पन्न किया गया। उद्घाटनकर्ता ब्र. पदम भैया जी सहित दयाप्रेमी जैन-जैनेत्तर गणमान्य नागरिक रहे, जिन्होंने यह कार्य मुनिसंघ की पावन उपस्थिति में किया। उपस्थित जानवरों को गुड़, चारा, घास आदि खिलाकर
अहिंसा परमोधर्मः इस धर्मसूत्र को सार्थक किया। आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की जन्म-स्थली
एलक श्री निश्चयसागर जी एवं मुनि श्री समतासागर सदगला (जिला-वेलगाँव, कर्नाटक) नगर में महावीर
जी द्वारा उपस्थित जन समुदाय को भगवान् महावीर स्वामी जयन्ती महोत्सव आचार्यश्री के धर्म प्रभावक शिष्य मुनि के जीवन और सिद्धान्तों पर धार्मिक मार्मिक एवं सारगर्भित श्री समतासागर जी एवं एलक श्री निश्चय सागर जी
प्रवचन दिया गया। मुनिश्री ने कहा कि महावीर कभी महाराज के सान्निध्य में सानन्द सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम |
हुए थे इतिहास में, हमने उन्हें नहीं देखा। पर इस नगर श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर 'कल्याणोदय तीर्थ' में
में जन्मे एक महावीर और हैं, जिन्हें आज सारा विश्व प्रातः बेला में जिनेन्द्र भगवान् का अभिषेक एवं पूजन
आचार्य विद्यासागर के नाम से जान रहा है और साक्षात् सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात् 'आचार्य विद्यासागर संस्कार केन्द्र'
अपनी आँखों से देख रहा है। अहिंसा की प्रतिमूर्ति और पाठशाला के नन्हें-मुन्ने करीब २०० बच्चों द्वारा नगर
जीवदया के देवता के इस नगर में गोशाला के शुभारंभ के जिनालयों की वन्दना करते हुए प्रभातफेरी निकाली
अवसर पर उपस्थित होना, अपने आप में बड़े सौभाग्य गई। बच्चे अपने हाथों में छोटी-छोटी धर्मध्वजाएँ लिए
की बात है। कर्नाटक के सन्त गुरुवर आचार्यश्री ने आत्मथे, एवं उत्साहपूर्वक जय-जयकार के नारे लगा रहे
साधना और धर्म-प्रभावना के क्षेत्र में आज जो कर दिखाया थे। प्रभातफेरी में सम्मिलित सभी बच्चों के लिए स्वल्पाहार |
है वह दुनिया के लिए किन्हीं आश्चर्यों से कम नहीं (नाश्ता) वितरित किया गया। तदुपरान्त इसी प्रभातफेरी |
है। इस अवसर पर महावीर प्रसाद जी दिल्ली सहित और श्रावक श्राविकाओं के साथ मुनिसंघ प्रवचन स्थल
स्थानीय अनेक श्रावक बन्धुओं ने गोशाला के लिए आर्थिक के लिए रवाना हुआ। बैण्ड बाजों की धार्मिक-ध्वनि
सहयोग घोषित किया। इस अवसर पर उपस्थित आसपास के साथ श्रावक श्राविकाएँ भक्ति-भजन गा रहे थे। मुनिसंघ
के नगरवासियों ने मुनिसंघ से अपने नगर में पधारने के मंचासीन होते ही स्थानीय व्रती बहिनों द्वारा एवं पाठशाला
के लिए श्रीफल अर्पित कर निवेदन किया। कन्नड एवं के बच्चों द्वारा पृथक्-पृथक् मंगलगीत तथा मंगलाचरण
हिन्दी दोनों भाषाओं में मंच का सफल संचालन सदलगा किया गया। तीर्थंकर भगवान् महावीर स्वामी एवं आचार्य
निवासी श्री माणिकचंद्र गडे ने किया। श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र का अनावरण महावीर |
सेक्रेटरी- श्री विद्यासागर दि० जैन ट्रस्ट प्रसाद जी दिल्लीवालों एवं नगर के जैन-जैनेतर गणमान्य
सदलगा (बेलगाम) कर्नाटक नागरिकों द्वारा किया गया।
श्री डी० के० जैन (१९२५-२००९) द्वारा देहदान दिल्ली के पूर्व पार्षद डी. के. जैन का देहदान का संकल्प, उनकी मृत्यु के बाद, उनके परिवार के लोगों ने उनका शरीर आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली में दान कर पूरा किया। (१५.३.२००९)
१९९७ में दधीचि-देह-दान-समिति दिल्ली के तहत श्री देवेन्द्र कुमार जैन ने देहदान की बसीयत की। उनकी अन्तिम इच्छा का पालन करते हुये उनके परिजनों ने उनकी आँखें गुरुनानक आई सेन्टर दिल्ली को दान में दी, जिससे आज दो इन्सान इस संसार को देख सकते हैं एवं पूरा शरीर (AIIMS) अस्पताल को दान कर दिया।
मधुर जैन पुत्र-स्व. श्री डी.के. जैन, ९०, सूर्य निकेतन, दिल्ली
- मई 2009 जिनभाषित 31
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