Book Title: Jinabhashita 2007 08
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 36
________________ रजि नं. UPHIN/2006/16750 श्रीदिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र कुण्डलगिरि (कोनीजी) पाटन के त्रिमूर्ति जिनालय में विराजमान भगवान् आदिनाथ, भरत एवं बाहुबली स्वामी की प्रतिमाएँ अमरकंटक से जबलपुर की ओर विहार करते समय विश्राम के क्षणों में आचार्य श्री विद्यासागर जी, मुनि श्री चन्द्रसागर जी से चर्चा करते हुए प्रसन्न मुद्रा में स्वामी, प्रकाशक एवं मुद्रक : रतनलाल बैनाड़ा द्वारा एकलव्य ऑफसेट सहकारी मुद्रणालय संस्था मर्यादित, 210, जोन-1, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) से मुद्रित एवं 1/205 प्रोफेसर कॉलोनी, आगरा-282002 (उ.प्र.) से प्रकाशित / संपादक : रतनचन्द्र जैन। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 34 35 36