Book Title: Jinabhashita 2005 05
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 33
________________ व्रत-वैभव का लोकार्पण सम्पन्न दिल्ली (रोहिणी, सेक्टर - 8) में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में ज्ञानकल्याणक के दिनांक (182-05) को देश के सुविख्यात प्रतिष्ठाचार्य पं. गुलाबचंद पुष्प के निर्देशन में ब्र. जयकुमार निशान्त के संकलन / संयोजन तथा ब्र. विनोद जैन (पपौरा जी) और पं. विनोद जैन (रजवांस) के संपादकत्व में प्रकाशित महनीय कृति ' व्रत वैभव' का लोकार्पण हुआ । चार खण्डों में प्रकाशित इस ग्रन्थ में 475 व्रतों का स्वरूप, उनकी पूजा, कथायें, मंत्र, उद्यापन विधि आदि का विस्तार से विवरण दिया गया है। 'व्रत वैभव' के चारों भागों का प्रकाशन मन्नूलाल जैन प्रतिष्ठाचार्य स्मृति ट्रस्ट, टीकमगढ़ की ओर से किया गया है। चारों भागों का मूल्य 380 रू. है । यह ग्रन्थ ब्र. जयकुमार 'निशान्त' पुष्प भवन, टीकमगढ़ (म.प्र.), श्री दि. जैन पंचबालयति मन्दिर, सत्यम गैस के सामने, ए बी रोड़, इंदौर (म.प्र.) आदि से प्राप्त किया जा सकता है। डॉ. ज्योति जैन खतौली- 251201 (उ.प्र.) भ. आदिनाथ का जन्म व तप कल्याणक महोत्सव संपन्न अजमेर, 03 अप्रैल 05। श्री दिगम्बर जैसवाल जैन समाज की ओर से परमपूज्या आर्यिका 105 श्री पूर्णमति माताजी ससंघ के पावन सान्निध्य में लाल कोठी केसरगंज के प्रांगण में भगवान आदिनाथ का जन्म व तप कल्याणक महोत्सव बड़े हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया। हीराचन्द जैन प्रोफेसर डॉ॰ 'भागेन्दु' जैन (दमोह) श्रुत सम्वर्द्धन पुरस्कार से सम्मानित वर्ष 2004 का आचार्य शान्तिसागर ( छाणी ) स्मृति श्रुत सम्वर्द्धन पुरस्कार विद्वद् जगत के गौरव, दमोह जिला जैन पंचायत एवं दिगम्बर जैन पंचायत के संरक्षक डॉ भागचन्द जैन ' भागेन्दु' को गत 18 फरवरी 2005 को राजस्थान के अतिशय क्षेत्र तिजारा (जिला-अलवर) में एक भव्य समारोह में सराकोद्धारक प० पू० उपाध्यायरत्न ज्ञानसागर जी महाराज के ससंघ सान्निध्य में रुपये 31000=00 की सम्मान निधि के साथ शाल, श्रीफल, साहित्य - प्रशस्ति एवं स्मृतिचिन्ह के रूप में प्रदान किया गया। Jain Education International डॉ. ऋषभ सिंघई सम्मानित दयोदय पशुधन संरक्षण समिति एवं श्री माणिकचंद माणकबाई परमार्थिक ट्रस्ट हरदा के संयुक्त तत्वावधान में नेत्र रोग चिकित्सा शिविर के समापन अवसर पर 25 हजार नेत्र रोगियों का सफल ऑपरेशन करनेवाले नगर के सुप्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ. ऋषभ सिंघई का भावभीना सम्मान किया गया। श्री भागचन्द जी बाकलीवाल के सुपुत्र (चि. जितेन्द्र) का विवाह सम्पन्न सांगानेर, जयपुर श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी के कोषाध्यक्ष, जाने महेन्द्र कुमार अजमेरा माने समाज सेवी एवं विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़े श्री भागचन्दजी बाकलीवाल के सुपुत्र चि. जितेन्द्र (बबलू) जैन का शुभ विवाह जयपुर के व्यवसायी श्री तेजकरणजी शाह की सुपुत्री सौ.काँ. शुची के साथ दिनांक 18.02.2005 को सानन्द सम्पन्न हुआ । इस शुभअवसर पर जिनभाषित को पांचसौ एक रुपये का आर्थिक अनुदान प्रदान किया। द्वारा: मानद मंत्री श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी सांगानेर, जयपुर (राज.) स्कूलों में जीवधारियों के विच्छेदन पर रोक अगले सत्र से For Private & Personal Use Only भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूलों में जीवविज्ञान के पाठ्यक्रम में जीवधारियों के विच्छेदन (डिसेक्शन) पर रोक वर्ष 2005-06 के शिक्षा सत्र से लगेगी। यह जानकारी स्कूलशिक्षा मंत्री ढालसिंह विसेन ने श्री अजय विश्नोई के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। डॉ. विसेन ने कहा कि जीवधारियों के विच्छेदन पर रोक का निर्णय माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जीवविज्ञान विषय समिति की सिफारिश एवं पाठ्यचर्या समिति के अनुमोदन के बाद लिया गया है। अभी जीवविज्ञान के प्रायोगिक कार्य में डिसेक्सन पर ऐच्छिक रोक है। अब इसे पूरी तरह प्रतिबंधित किया जायेगा । मुकेश शाह एडव्होकेट, जयकुमार 'जलज' हटा मई 2005 जिनभाषित 31 www.jainelibrary.org

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