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आहारचर्या के पश्चात मध्यान्ह २ बजे विशाल श्रावकसंघ सहित पहाड़ पर वंदनार्थ प्रस्थान किया। पहाड़ पर स्थित समस्त
मुनि श्री १०८ समतासागर, मुनि श्री १०८ प्रमाणसागर मंदिरों की वंदना की। रात्रि को पहाड़ पर स्थित विशाल मंदिर जी में
एवं ऐलक श्री १०५ निश्चयसागर जी की प्रेरणा से मध्यप्रदेश के पूर्ण रात्रि मुनि श्री सुधासागर जी महाराज गर्भालय में ध्यानस्थ रहे।
कटनी जिला में ग्राम बिलहरी में भूगर्भ से प्राप्त २० प्राचीन दिनांक १४ जनवरी २००४ मकर संक्रांति को प्रातः ७
प्रतिमाओं की पुरातात्विक धरोहर के संरक्षण की योजना पर कार्य बजे से मुनि संघ के पावन सानिध्य में लवकुश मंदिर जी के ठीक
तीव्र गति से प्रगति पर है। सामने विशाल प्रांगण में कर्म दहन विधान पूजन में लगभग एक
विस्तृत प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलहरी के जीर्णशीर्ण सौ से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया एवं पूजन की। पूजन से पूर्व
अवस्था में स्थित प्राचीन जिन मंदिर में खुदाई के दौरान प्रारंभिक वृहद् शांतिधारा एवं कलशाभिषेक बोली द्वारा श्रेष्ठि श्री नरेशभाई
अवस्था में दीवाल में चुनी हुई १४ मनोज्ञ प्रतिमायें एवं द्वितीय जैन सूरत ने किये। ३१००० रुपये में बोली ली। पूजन विधान के
चरण में ६ अन्य प्रतिमायें प्राप्त हुईं। मुनि संघ का चातुर्मास के पूर्व सौधर्म इन्द्र का पद श्रेष्ठि श्री श्रीपाल जी कटारिया केकड़ी-जयपुर ने ११००० रुपये बोली द्वारा बोलकर सौधर्मइंद्र बनने का सौभाग्य
बिलहरी आगमन हुआ मुनि संघ से प्रवचन सभा के दौरान श्रावकों प्राप्त किया एवं महाआरती की बोली श्रेष्ठि श्री संतोष कुमार
को ठोस योजना के तहत इनकी सुरक्षा करने की प्रेरणा प्रदान की।
प्रवचन सभा के दौरान ही लाखों रूपयों की स्वीकृतियाँ प्राप्त हो शशांक कुमार जी गोधा मकराना राज. ने ५१०० रुपये बोलकर आरती की।
गईं। मुनि संघ ने श्री दि. जैन तीर्थ क्षेत्र बहोरीबंद चातुर्मास हेतु ___इस विधान पूजन में श्रावक संघ पदयात्रा में चल रहे
बिहार कर दिया। साधर्मियों में श्रेष्ठि श्री निहालचंद जी पहाड़िया सपरिवार किशनगढ़,
स्वाध्याय और साधना के साथ-साथ चातुर्मास के दौरान श्रेष्ठि श्री कंतीलाल जी गदिया सपरिवार नसीराबाद, श्रेष्ठि श्री | मुनि संघ बिलहरी के घटना क्रम पर सतत दृष्टि रखते हुय प्रतिमाओं तिलोकचंद जी महेन्द्र कुमार जी गदिया अजमेर, श्रेष्ठि श्री ऋषभ । के संरक्षण हेतु निरंतर निर्देशन एवं प्रेरणा प्रदान करते रहे। जी मोहिवाल कोटा, संघपति प्रमुख श्रीमान हकमचंद जी काका | दिगम्बराचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के समक्ष बिलहरी कोटा, श्री भागचंद जी गदिया अध्यक्ष श्री ज्ञानोदय तीर्थक्षेत्र अजमेर, के स्थानीय निवासी प्रतिमाओं की फोटो लेकर पहुँचे। इन प्रतिमाओं श्री भीकमचंद जी पाटनी सं. मंत्री एवं श्री अनिल जी गदिया | की फोटो देखकर पूज्य आचार्य श्री आश्चर्य चकित हो गये। संयोजक विद्युत विभाग, श्री नवीन जी गदिया, श्री मुकेश जी जैन | खुदाई में मिली युगल तीर्थंकर की प्रतिमा की फोटो देखते ही दोसी सी.ए. अहमदाबाद, श्री शेखर जैन नसीराबाद, माननीय | अनायास ही उनके श्रीमुख से निकला की 'लंदन के म्युजियम श्रेष्ठि श्री सौभागमल जी सा. कटारिया एवं समस्त परिवार | की प्रतिमा आप लोग कहाँ से ले आये?' आचार्य श्री की आशीष अहमदाबाद, आंवा, बिजौलियाँ, सांगानेर, जयपुर, कोटा, अजमेर, | अनुकंपा पाकर श्रावकों में असीम उत्साह संचारित हो गया। किशनगढ़ के अनेक कार्यकर्ताओं ने इस विधान-पूजन में सम्मिलित | इधर मुनि श्री समतासागर, मुनि श्री प्रमाणसागर एवं होकर अक्षय पुण्यार्जन किया।
ऐलक श्री निश्चयसागर जी ने चातुर्मास के बाद बिहार कर दिया। दिनांक १३.१.२००४ को गांधीधाम, गुजरात से लगभग अनेक जैन बाहुल्य शहरी क्षेत्रों से लोग श्रीफल भेंट करने पहुँचने २५-३० स्त्री, पुरुषों ने आकर पावागढ़ में श्री सुधासागर जी | लगे सारे निवेदन को दरकिनार करते हुये मुनि संघ ने जैन पुरातत्व महाराज के पावन चरणों में श्रीफल चढ़ाकर गांधीधाम की ओर |
के संरक्षण के लिये बिलहरी की ओर बिहार करना उचित समझा। मंगल विहार के लिये सादर प्रार्थना की। युवारत्न श्री रमेशचंद जी | कोलाहल से दर, सरम्य एवं शांत वातावरण में स्थित बिलहरी गदिया के प्रतिनिधित्व में पधारे थे।
ग्राम के जैनाजैन श्रावकों के मस्तक मुनि संघ की चरण धुली दिनांक १४.१.२००४ को मध्यान्ह सामायिक के पश्चात
पाकर एक बार फिर धन्य हुये। कहने को तो बिलहरी में जैन २ बजे मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज ने ससंघ हलोल
श्रावकों के तीन ही परिवार थे पर मुनि संघ की तपश्चर्या का तेज बासा की ओर मंगल विहार किया। अल्पसमय में वंदना, पूजन
था की बिलहरी के अजैन श्रद्धालु भी दिगम्बरत्व के आगे नतमस्तक विधान आदि-आदि मंगल क्रियाएँ सम्पन्न कराकर मुनि श्री ने
हो गये। प्रातः काल रश्मिरथी अपनी रश्मिओं में दिगम्बरत्व के अमिट प्रभावना छोड़कर मंगल विहार किया। इस प्रकार सम्पूर्ण
प्रकाश को भरकर संपूर्ण बिलहरी ग्राम में बिखेर देता था और रात्रि तीर्थयात्रा में अभूतपूर्व धर्मप्रभावना करते हुए मुनि संघ गिरनार जी
में चंद्रमा की शीतलता ग्राम वासियों को ऐसा शीतल एहसास देती की ओर तीव्रगति से अग्रसर है।
है कि मुनि संघ के रूप में देवदूतों का गांव में आगमन हुआ है। प्रेषक एवं प्रस्तुति, भीकमचंद पाटनी सं. मंत्री श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र | इधर सारा ग्राम्यांचल मुनि संघ को पाकर धन्यता का
ज्ञानोदय नगर, नारेली-अजमेर | अनुभव कर रहा है वहीं मुनि संघ जैन पुरावैभव के संरक्षण की
28 फरवरी 2004 जिनभाषित
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