Book Title: Jinabhashita 2003 04
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 33
________________ प्रवेश सूचना श्रमण परम्परा के उन्नायक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शुभाशीर्वाद एवं मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा से संचालित श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर का सातवाँ शैक्षणिक सत्र 7 जुलाई 2003 से प्रारम्भ होगा। छात्रों को लौकिक शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक संस्कार भी प्रदान किये जाते हैं। यहाँ पर छात्रों को आवास, भोजन व पुस्तकादि की निःशुल्क व्यवस्था के साथ खेलकूद के लिये विशाल प्रांगण, कम्प्यूटर शिक्षा एवं अंग्रेजी भाषा की प्रवीणता के लिये प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये विशेष दिशा निर्देश की भी सुविधा उपलब्ध है। इच्छुक छात्रों को समय-समय पर विधि विधान, वास्तुविज्ञान एवं ज्योतिष् का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें सम्पूर्ण भारत से प्रवेश के लिये अधिक छात्र इच्छुक होने से विभिन्न प्रदेशों के लिये स्थान निर्धारित हैं अतः स्थान सीमित हैं। धार्मिक अध्ययन सहित कुल पाँच वर्ष के पाठ्यक्रम में दो वर्षीय उपाध्याय परीक्षा (सीनियर हायर सेकण्डरी के समकक्ष) माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से एवं त्रिवर्षीय शास्त्री स्नातक परीक्षा (बी.ए. के समकक्ष) राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। जो सरकार द्वारा आई.ए.एस. और आर. ए. एस. जैसी किसी भी सर्वमान्य प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित होने के लिये मान्य है । जिन छात्रों ने 10 वीं की परीक्षा (अंग्रेजी सहित) दो है अथवा उत्तीर्ण कर ली है तथा जो प्रवेश के इच्छुक हैं वे दिनांक 22 मई से 29 मई 2003 तक उक्त संस्थान में चयन हेतु शिविर में उपस्थित होवें । शिविर के पश्चात् चयनित छात्रों को ही प्रवेश मिल सकेगा। सम्पर्क:श्री राजमल बेगस्या ( उपाधिष्ठाता ) T. 5058674, 9414047419 कार्या. 0141-2730552, 5177300 श्री दि. जैन श्रमण संस्कृति संस्थान वीरोदयनगर, सांगानेर, जयपुर 303902 (राज.) श्रमण संस्कृति आध्यात्मिक शिक्षण शिविर श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर में दिनांक 20 जुलाई से 30 जुलाई तक श्रमण संस्कृति आध्यात्मिक शिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में बालबोध, छहढाला, द्रव्यसंग्रह, जैन सिद्धांत प्रवेशिका, करणानुयोगदीपक, तत्त्वार्थसूत्र आदि विषयों का पं. रतनलाल जी बैनाड़ा, डॉ. पं. शीतल चन्द्र जी जयपुर ब्र. संजीव भैया, ब्र. भरत भैया, डॉ. श्रेयांस कुमार जैन बड़ौत, डॉ. रमेश चन्द्र जी बिजनौर द्वारा अध्यापन कराया जायेगा । इस अवसर पर राष्ट्रीय लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा अनेक विषयों पर तत्त्व चर्चा करने का एवं प्रातः सायं प्रवचन का भी लाभ प्राप्त होगा। शिविरार्थियों की भोजन एवं आवास की समुचित व्यवस्था Jain Education International है । अत: अनुरोध है कि धर्मप्रेमी महानुभाव शिविर में पधार कर धर्म लाभ लें। आने की सूचना पत्र द्वारा अवश्य दें। डॉ. शीतलचन्द्र जैन निदेशक, कार्यालय- 0141-2730552, 5177300 साहित्याचार्य डॉ. पन्नालाल जैन स्मृति युवाचिंतक पुरस्कार डॉ. शीतल जैन जोधपुर को उनके शोध-पत्र " जीवन दर्शन एवं गुरु तत्त्व " पर साहित्याचार्य डॉ. पन्नालाल जैन स्मृति युवाचिंतक पुरस्कार-2003 अखिल भारतीय दर्शन-परिषद द्वारा पुणे में आयोजित 48 वें अधिवेशन के अवसर पर प्रदान किया गया। प्रतिवर्ष यह पुरस्कार श्रेष्ठ युवा दार्शनिक के लिये प्रदान किया जाता है । यह तीसरा वर्ष है। यह जानकारी डॉ. एस.पी. दुबे अध्यक्ष अखिल भारतीय दर्शन परिषद एवं अध्यक्ष दर्शन विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ने प्रदान की। डॉ. राजेश जैन शिशुरोग विशेषज्ञ नमक मण्डी, सागर डी.एस.पी. विद्यार्थी 'पुलिसमेन ऑफ दि ईयर' से सम्मानित छतरपुर- राष्ट्रपति शौर्य पदक हेतु चयनित छतरपुर निवासी श्री तुषारकांत विद्यार्थी एस. डी. ओ. पी. डबरा को ग्वालियर विकास समिति ने अपने 25 वें 'टापटेन ऑफ दि ईयर पुरस्कार समारोह' में 'पुलिसमेन ऑफ दि ईयर' के पुरस्कार से सम्मानित किया है। श्री विद्यार्थी को यह पुरस्कार म.प्र. शासन के गृहमंत्री श्री महेंद्र बौद्ध, ग्रामोद्योग मंत्री श्री के. पी. सिंह, विधायक रमेश अग्रवाल, कमिश्नर श्री विमल जुल्की एवं ग्वालियर रेंज के आई. जी. श्री एस. एस. शुक्ला ने प्रदान किया। राजेश बड़कुल पूर्व मंत्री जैन समाज, छतरपुर बड़ौत में पंच कल्याणक प्रतिष्ठा सम्पन्न उत्तरप्रदेश की धर्म नगरी बड़ौत में जो शिक्षालयों तथा मनोहारी जिनालयों से शोभित है, श्री 1008 अजितनाथ दिगम्बर जैन मंदिर के जिनबिम्बों की प्राण प्रतिष्ठा 5 मार्च से 10 मार्च 2003 तक सम्पन्न हुई । सात शिखरों एवं नौ वेदियों के निर्माण के साथ भव्य गजरथ तथा पालकी का निर्माण भी कारीगरों द्वारा कुशल किया गया है। मंदिर की जमीन से ऊँचाई 108 फुट है तथा शिखर की ऊँचाई 56 फुट है। नगर एवं क्षेत्र के सातिशय पुण्योदय से परमपूज्य सन्तशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का मंगलमय आशीर्वाद एवं उनके सुयोग शिष्यों परमपूज्य मुनि श्री समतासागर जी महाराज, परमपूज्य मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज, परम अप्रैल 2003 जिनभाषित 31 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 31 32 33 34 35 36