Book Title: Jinabhashita 2002 02
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 30
________________ की औपचारिकता पूरी की और न्यूनतम बल प्रयोग के साथ हल्के लाठी चार्ज का आदेश प्राप्त कर शुरू हो गई। बस, फिर क्या था? कर हो गई। बस फिर क्या था? | श्री अतिशय क्षेत्र मक्सी पर यात्रियों पुलिस के सक्रिय होते ही भगदड़ मच गई। जिसके जिधर सींग समाए, का भारी आवागमन वह उधर ही भाग लिया। जो सामने पड़ गए, वो पिट गए। चंद मिनटों में ही मैदान खाली हो गया। श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मक्सी की नवीन प्रबंधकारिणी कुछ देर बाद जब पुलिस ने स्थिति की समीक्षा की तो पता के कुशल निर्देशन में व्यवस्थाओं में व्यापक सुधार करने से क्षेत्र पर लगा कि यों तो पुलिस की बर्बरता सिद्ध करने हेतु बहुतेरे लोग यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। धार्मिक, सामाजिक अस्पताल पहुंचे थे, पर ज्यादातर लोग प्राथमिक उपचार के बाद ही गतिविधियों में भी वृद्धि हुई है। विदा कर दिए गए। केवल दो लोग ही अस्पताल में दाखिल करने __अहिंसा वर्ष के अंतर्गत तीर्थंकरों के चौबीस दीक्षावृक्षों के पौधों लायक पाए गए, जिनमें एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय नेता व सांसद थे, जिनकी की रोपणी की गई, जो वृक्षों का रूप लेकर क्षेत्र पर हरियाली प्रदान एक टाँग में फ्रेक्चर था और दूसरा कोई मामूली कार्यकर्ता था, जिसकी कर रही है। ताम्रपत्र पर कालपत्र उत्कीर्ण करवाकर 40 फिट गहराई दोनों टाँगों में फ्रेक्चर था। अब निष्पक्ष रूप से देखा जाय, तो इतनी पर स्थापित कर मारबल का सुन्दर स्तम्भ निर्माण कराया गया जिसे चोटें तो इतने बड़े आंदोलन में सामान्य थीं, पर सांसद की टाँग होने समारोहपूर्वक लोकार्पित किया गया। नगर के सबसे लम्बे निर्माणाधीन से मामले ने तूल पकड़ लिया। मार्ग का नामकरण महावीरमार्ग किया गया। क्षेत्र के आसपास के मुख्य __ अखबारों के माध्यम से सांसद ने यह आरोप लगाया कि | मार्गों पर इन्डीकेटर लगाये गये हैं। ए.बी. रोड से नगर में प्रवेश सत्तापक्ष का इरादा पुलिस के द्वारा उनकी हत्या करवाने का था, जिसमें के स्थान पर भव्य "अहिंसा द्वार" का शिलान्यास किया जाकर निर्माण सफल न होने पर उनकी टाँग तुड़वा दी गई। यह न केवल एक सांसद की प्रक्रिया जारी है। गुरुकुल परिसर में लायन्स क्लब मक्सी के का अपमान था, बल्कि उसके संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन सहयोग से नेत्र शिविर का आयोजन करवाकर 66 लोगों को लैन्स भी था, जिसके लिए पुलिस और प्रशासन को संसद को जवाबद प्रत्यारोपण करवाया गया है। देना होगा। उन्होंने एक संसदीय समिति के द्वारा इस घटना की जाँच यात्रियों के लिये भव्य भोजनशाला के भवन का निर्माण 8 करवा कर दोषियों को सजा दिलाने की प्रार्थना की। जाहिर है कि सांसद लाख की लागत से किया जा रहा है। इसके निर्माण कोष में की बौखलाहट टाँग में हो रहे दर्द के कारण कम और पिटाईजनित 5000 रुपये के दानदाताओं के फोटो भवन में लगाने की योजना फजीहत के कारण ज्यादा थी। पार्टी के प्रदेशीय नेता भी सांसद को है, जिसका शिलान्यास श्रीमती विमला देवी बिलाला एवं पुत्रगण श्री पहुँची पीड़ा को लेकर शर्मिंदा थे। आंदोलन के असफल होने का दर्द सुनील जी, सुधीर जी बिलाला द्वारा किया गया। इसमें अच्छा सहयोग तो था ही। इसलिए पार्टी का पूरा जोर सांसद की पिटाई के लिए सत्तापक्ष समाज से मिल रहा है। की भरपूर भर्त्सना करने में लगा हुआ था। तमाम अखबार बस इसी खबर को महत्त्व दे रहे थे। जिसकी दोनों टाँगों में फ्रेक्चर था, उसे दिगम्बर जैन महासमिति द्वारा जयपुर में आयोजित कार्यशाला में क्षेत्र से 2 प्रतिनिधि व्यवस्थापन के प्रशिक्षण में भेजे गये थे। वहाँ किसी ने नहीं पूछा। उसका उल्लेख किसी अखबार में नहीं था। से प्राप्त अनुभवों का लाभ व्यवस्थापन में मिल रहा है। कहते हैं कि इस स्थिति का लाभ उठाते हुए, उसी पार्टी के किसी असंतुष्ट ने या फिर सत्तापक्ष के किसी चाणक्य ने उस दोनों क्षेत्र पर वृद्धाश्रम निर्माण की योजना, सम्पूर्ण क्षेत्र के जीर्णोद्धार टाँगों में फ्रेक्चर वाले को उकसा दिया, जिसके फलस्वरूप अगले की योजना, आयुर्वेदिक चिकित्सालय की योजना को मूर्तरूप देने ही दिन कथिक रूप से उसके द्वारा दिया गया निम्नांकित वक्तव्य हेतु भी पहल की जा रही है। दिगम्बर जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ श्री प्रदीप कुमार सिंह जी कासलीवाल क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के 'क्या जमाना आ गया है कि एक स्थापित नेता आंदोलन के लिये विशेष रूप से प्रयत्नशील हैं। दौरान हुई अपनी पिटाई का रोना हो रहा है। न पीटे जाने को अपना गुरुकुल मक्सी में 40 छात्रों के लिये पूर्णत: नि:शुल्क व्यवस्था विशेषाधिकार बतला रहा है। मानो पिटने का उत्तरदायित्व केवल उपलब्ध है। धार्मिक, लौकिक, शारीरिक शिक्षण के साथ कम्प्यूटर सामान्य कार्यकर्ता का ही हो। गोया सत्तापक्ष अगर पीटना ही चाहता ! शिक्षा की भी व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। क्षेत्र का वार्षिक मेला है, तो उसे मामूली कार्यकर्ता को ही पीटना चाहिए, बड़े नेता को कदापि महोत्सव रंगपंचमी 2 अप्रैल को श्री दिगम्बर जैन सोश्यल ग्रुप म.प्र. नहीं। वाह, क्या नेता होने लगे हैं आजकल!' रीजन के संयोजकत्व में भव्य कार्यक्रमों के साथ आयोजित होगा। और इस तरह पुलिस की पिटाई से पीड़ित एक और सामान्य समाज से अनुरोध है कि क्षेत्र पर दर्शन लाभ लेने एवं नवीन कार्यकर्ता नेता बनने की राह पर चल पड़ा। उपलब्धियों का अवलोकन करने अवश्य पधारें। 7/56-ए, मोतीलाल ज्ञानभानु झांझरी, महामंत्री नेहरूनगर (पश्चिम) श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मक्सी भिलाई (दुर्ग) छत्तीसगढ़ जिला शाजापुर म.प्र. 28 फरवरी 2002 जिनभाषित - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36