Book Title: Jeevandhar Swami
Author(s): 
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 38
________________ क्या मेरी बतख पर तुम्हारी जीभ में भी पानी आ गया। नहीं, किसी प्राणी के आकार वाली वस्तु नहीं खाना चाहिए। राहुल! राहल और दीपू शिक्षा किसने दी देिखो मैं गोली वा रहा हूं "अरे! यह तो बतख के आकार की है इसेमत खा क्यों यह तो निर्जीव है? नहीं, इसे खाने से पाप लगता है सुनो, एक राजाने निर्जीव आटेका मुर्गा बली में चढ़ाया था उसे बहुत दुःख उठाने पड़े। तुम्हें कैसे यह तुमने कहां से पढ़ लिया? मालूम देख इस जैन कॉमिक्स 'आटे कामुर्गा'में (तब तो हम भी जीवों के आकार वाली वस्तुएं नहीं खायेंगे तभी तो फायदा है 'जैन कॉमिक्स 'पढ़ने का । सरलशिक्षा का एकविचारजैन कॉमिक्स का हो प्रचार

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