________________ जीव-विज्ञान शंका- क्या अकाल मरण होता है? समाधान- अपने शरीर का घात हो जाने पर जो आत्मा उस शरीर में रहती है उसे रहने के लिए स्थान नहीं मिलता। क्योंकि आत्मा बिना शरीर के रह नहीं सकती वह अपनी आयु को पूर्ण करके चली जाती है इसलिए अकालमरण हो जाता है। इसलिए यह भी कह सकते हैं नौकर्म का घात होने पर अकाल मरण हो जाता है। शंका- क्या भोगभूमि के मनुष्य और तिर्यंचों में भी नपुंसक वेद होता है? समाधान-वहाँ की व्यवस्थाएँ अलग-अलग हैं। वहाँ मनुष्य और तिर्यंच युगल ही पैदा होते हैं, और एक साथ ही मरण को प्राप्त होते हैं। वहाँ पुरुषवेदी और स्त्रीवेदी दो ही प्रकार के जीव होते हैं। शंका- क्या अकाल मरण में पूर्व कर्म का भी योग होता है? समाधान- हाँ ! अकाल मरण में पूर्व कर्म का भी योग हो सकता है। हो सकता है आपने पूर्व जन्म में किसी जीव का घात किया हो अब वही आपके लिए घात का कारण बन सकता है। पूर्व जन्म के कर्म भी आपके लिए सम्भव है जिसके कारण आपको ऐसे निमित्त मिल सकते हैं जिससे आपके शरीर का घात हो और आपकी अकाल मृत्यु हो जाए। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी के चरणों में शत्-शत् वंदन 88