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को स्वीकृति दी गई। भवन निर्माणार्थ श्रीमती भंवरीवाई कोठारी (धर्मपली श्रीमानमलजी) द्वारा १५ हजार की राशि प्रदान की गई।
दिनांक १७/२/४६ की बैठक में एक आयुर्वेदिक औषधालय प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया। श्री हर किरणावली का प्रकाशन भी प्रारम्भ हो गया।
दिनांक १२/५/४६ की बैठक में पं. श्री पूर्णचन्द्रजी दक को वोर्डिंग में गृहपति पद पर नियुक्त करने निर्णय किया गया। ३५ छात्रों को रखने की स्वीकृति प्रदान की गई। हितेच्छु श्रावक मंडल से आचार्य श्री के बागानों की फाइलें मंगाने का निर्णय किया गया व पं. श्री शोभाचन्द्रजी भारिल्ल द्वारा व्याख्यान सम्पादन, संपन-चरित्र लेखन कार्य पर संतोष व्यक्त किया गया।
दिनांक १२/११/४७ की बैठक में निर्णय लिया गया कि विद्यापीठ भूमि के मैन रोड़ पर लाईब्रेरी के लिए हॉल बनाया जाय तथा पीछे की ओर राज से क्रय की गई ६००० गज जमीन पर बोर्डिंग के लिए भवन लिंग कराया जाय। पं. महेशचन्द्रजी नन्दावत को गृहपति पद पर नियुक्ति हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। ल १६४८
__छात्रावास में ४१ विद्यार्थियों को प्रवेश। उनके भोजन आदि की व्यवस्था के लिए १५००० की राशि स्वीकृत की गई। छन् १६४६
बोर्डिंग में ३५ छात्रों को प्रवेश। असमर्थ विद्यार्थी को निःशुल्क रखने की स्वीकृति प्रदान की गई। मानाठ भवन का उद्घाटन श्रीमान् इन्द्रचन्द जी केलड़ा (कचेरा) के कर कमलों से कराने का निर्णय किया गया। सापीठ के वार्षिकोत्सव में उन्हें ही अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।
जहां स्वर्गीय आचार्यश्री का अग्नि संस्कार किया गया था—दो कमरे निर्मित किये गये। वार्षिकोत्सव के स्वागत समिति गठित की गई। स्वागताध्यक्ष श्री जुगराजजी सेठिया व स्वागत मंत्री श्री चम्पालालजी वांटिया बनाने का निर्णय किया गया।
न १९५०
___ १५/१/१९५० को विद्यापीठ का उद्घाटन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर महिला सम्मेलन, कवि * रन, भाषण प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए। द्रस्टियों की संख्या ४ की गई
२. श्री हणूंतमलजी सेठिया ४. श्री घेवरचन्दजी बोधरा
१. श्री अजीतमलजी पारख
की चम्पालालजी वांठिया
७/१०/५३ को संविधान व नियमावली को संशोधित कर पारित किया गया। संस्था का न कराने हेतु निर्णय भी लिया गया। स्थायी स्तम्भ, संरक्षक, उपरिक्षक,
या गया। स्थायी स्तम्भ, संरक्षक, उपसंरक्षक, आजीवन सदस्य, वार्षिक सदस्य " का गई व ७ सम्मानित सदस्यों के मनोनयन का प्रस्ताव पारित किया गया।
निरित की गई व